प्रशासन ने नीती घाटी के टिम्मरसैंण में बाबा बर्फानी की पहली शीतकालीन यात्रा के लिए तैयारियां शुरू कर दी

 प्रशासन ने नीती घाटी के टिम्मरसैंण में बाबा बर्फानी की पहली शीतकालीन यात्रा के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। गढ़वाल मंडल के अपर आयुक्त प्रशासन हरक सिंह रावत ने टिम्मरसैंण में बाबा बर्फानी की गुफा का जायजा लेकर स्थानीय लोगों से यात्रा व्यवस्थाओं पर चर्चा की। तय हुआ कि वर्ष 2019 में एक मार्च से दस मार्च तक बाबा बर्फानी की यात्रा का आयोजन कराना बेहतर रहेगा। विदित हो कि 10 अप्रैल 2017 के अंक में ‘दैनिक जागरण’ ने पहली बार देश-दुनिया के लोगों को चमोली जिले में स्थित बाबा बर्फानी की इस गुफा से परिचित कराया था।

अपर आयुक्त ने नीती घाटी के जन प्रतिनिधियों, बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) व आइटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) के अधिकारियों के साथ नीती घाटी में टिम्मरसैंण स्थित गुफा का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने शीतकाल में बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए यात्रा शुरू किए जाने को लेकर रायशुमारी भी की। निर्णय लिया गया कि यात्रा के दौरान यात्रियों को नीती घाटी के गांवों में होम स्टे के तहत ठहराया जाएगा। 

अपर आयुक्त हरक सिंह रावत ने बताया कि यात्रा तैयारियों को लेकर वह जल्द ही शासन को प्रस्ताव भेजेंगे। इस यात्रा के आयोजन का उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही इस अनजान धार्मिक स्थल से देश-दुनिया को परिचित कराना है। कहा कि पूर्व में इस रास्ते जब लोग कैलास-मानसरोवर यात्रा पर जाते थे, तब यहां सौसा महादेव (भगवान भोलेनाथ) की पूजा करने के बाद ही आगे बढ़ते थे। 

अपर आयुक्त ने कहा कि सौसा महादेव से जुड़ी जनश्रुतियों को भी लिपिबद्ध किया जाएगा। साथ ही सरकार को प्रस्ताव भेजकर कैलास-मानसरोवर यात्रा के इस पुराने रूट को पुनर्जीवित करने का भी अनुरोध किया जाएगा। बताया कि नीती दर्रे से सीमा तक सड़क सुविधा का विस्तार हो चुका है। तिब्बत क्षेत्र में भी सड़कों का जाल बिछा है। ऐसे में यहां से कैलास-मानसरोवर यात्रा सुरक्षित एवं आसान होगी। 

मार्च से गुफा में विराजते हैं बाबा बर्फानी

अपर आयुक्त ने कहा कि सेना, आइटीबीपी, बीआरओ व स्थानीय लोगों की मदद से बाबा बर्फानी की यात्रा का संचालन होगा। यह यात्रा एक से दस मार्च तक प्रस्तावित है। दूसरी ओर बाम्पा के पूर्व बैंक अधिकारी बच्चन ङ्क्षसह पाल ने कहा कि नीती घाटी की टिम्मरसैंण गुफा में प्रतिवर्ष एक मार्च से 15 अप्रैल के मध्य बाबा बर्फानी विराजमान होते हैं। स्थानीय लोग तो पीढ़ियों से बाबा के दर्शनों को पहुंचते हैं, लेकिन देश-दुनिया के श्रद्धालु शिव के इस धाम से आज तक अनभिज्ञ ही थे। सरकार की इस मुहिम से पर्यटन व तीर्थाटन को लेकर नई उम्मीद जगी है। कहा कि नीती घाटी में यह यात्रा रोजगार की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

टिम्मरसैंण की पहाड़ी पर स्थित है गुफा

जोशीमठ-नीती हाइवे पर नीती गांव से एक किमी पहले टिम्मरसैंण में पहाड़ी पर स्थित गुफा के अंदर एक शिवलिंग विराजमान है। इस पर पहाड़ी से टपकने वाले जल से हमेशा अभिषेक होता रहता है। इसी शिवलिंग के पास बर्फ पिघलने के दौरान प्रतिवर्ष बर्फ का एक शिवलिंग आकार लेता है। अमरनाथ गुफा में बनने वाले शिवलिंग की तरह इस शिवलिंग की ऊंचाई ढाई से तीन फीट के बीच होती है। स्थानीय लोग इसे बर्फानी बाबा के नाम से जानते हैं। 

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