सेना में फर्जी कागजात के सहारे नौकरियां दिलाने के मामले में पुलिस ने दर्जा चार कर्मचारी मैसेंजर को गिरफ्तार कर लिया

 सेना में फर्जी कागजात के सहारे नौकरियां दिलाने के मामले में पुलिस ने दर्जा चार कर्मचारी मैसेंजर को गिरफ्तार कर लिया है। उससे पुलिस के सीनियर अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। पुलिस अब रोपड़ में पकड़े गए युवक को भी पूछताछ के लिए प्रोडक्शन वारंट पर ला सकती है। पुलिस कर्मचारी से यह पता लगाना चाहती है कि उसके साथ और कौन लोग शामिल थे। सेना में तैनात मैसेंजर सुरिंदरपाल सिंह पूर्व फौजी महिंदर सिंह के साथ मिलकर फर्जी कागजातों के सहारे फौज में युवाओं को भर्ती करवाते थे और उनके कागजात की वेरीफिकेशन भी खुद ही कर देते थे। रोपड़ में फर्जी भर्ती का खुलासा होने के बाद पुलिस ने रिक्रूटनिंग डायरेक्टर कर्नल विशाल दूबे द्वारा पुलिस को लिखे पत्र के बाद मैसेंजर सुरिंदरपाल सिंह और पूर्व फौजी महिंदर सिंह के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था। मामले की जांच अधिकारी एएसआइ चांद अहीर का कहना है कि सुरिंदरपाल को सेना के जगराओं पुल के पास स्थित कार्यालय से गिरफ्तार किया गया है। उसे कल अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।

पुलिस सुरिंदरपाल से यह पता लगाने में लगी हुई है कि फौज में उसके साथ और कौन-कौन मिला हुआ है। क्योंकि फौजियों के कागजात इस तरह से बाहरी आदमी के पास पहुंचाने और वापस रिकार्ड में जमा करवाना उसके अकेले के बस की बात नहीं है। पुलिस को शक है कि उसके साथ फौज के रिक्रूटमेंट कार्यालय के अधिकारी भी मिले हुए हैं। पुलिस इसके साथी पूर्व फौजी महिंदरपाल सिंह की भी तलाश कर रही है। 

 दो दर्जन से भी ज्यादा युवकों की वेरीफिकेशन 

बताया जा रहा है कि महिंदर अकेले लुधियाना में ही नहीं बल्कि कुछ अन्य जिलों के युवकों को भी यहां नौकरी दिला चुका है। बताया जा रहा है कि उसकी ओर से दो दर्जन के करीब लोगों के कागजात की वेरीफिकेशन की गई है और जिसकी जांच फौज और पुलिस दोनों अपने स्तर पर कर रहे हैं। बड़ी समस्या यह है कि पूरे रिकार्ड से यह पता लगाना मुश्किल है कि इनकी ओर से कितने लोगों की वेरीफिकेशन की है। 

 योगेश को प्रोडक्शन वारंट पर ला सकती है पुलिस

रोपड़ पुलिस की ओर से पकड़ा गया योगेश इस पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड है। उसकी ओर से ही सुरिंदरपाल और महिंदर को अपने साथ मिलाया हुआ है। पुलिस यह पता लगाने का भी प्रयास कर रही है कि कागजात वेरीफाई करने के लिए इन्हें कितने पैसे मिलते थे। इन सभी रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए पुलिस योगेश को भी प्रोडक्शन वारंट पर यहां लाकर पूछताछ कर सकती है। 

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