‘मन की बात’: सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर मानव अधिकारों पर क्या-कुछ बोेले PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (30 सितंबर) को ‘मन की बात’ कार्यक्रम की शुरुआत सेना के वीर जवानों के पराक्रम को नमन करते हुए की। ‘मन की बात’ को आरम्भ करते हुए पीएम ने कहा कि हर भारतीय को हमारे सशस्त्र बलों और सेना के जवानों पर गर्व है। प्रत्येक भारतीय चाहे वो किसी भी क्षेत्र, जाति, धर्म का क्यों न हो, हमारे सैनिकों के प्रति अपनी खुशी और समर्थन अभिव्यक्त करने के लिए हमेशा तत्पर रहता है।'मन की बात': सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर मानव अधिकारों पर क्या-कुछ बोेले PM मोदी

देश के जवानों को नमन
पीएम मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र करते हुए कहा, ‘कल (29 सितंबर) भारत के सवा-सौ करोड़ देशवासियों ने 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक को याद करते हुए पराक्रम पर्व मनाया। जब हमारे सैनिकों ने हमारे राष्ट्र पर आतंकवाद की आड़ में प्रॉक्सी वॉर की धृष्टता करने वालों को मुंहतोड़ ज़वाब दिया था।’ उन्होंने कहा, ‘पराक्रम पर्व पर देश में अलग-अलग स्थानों पर हमारे सशस्त्र बलों ने प्रदर्शनियां लगाईं,  ताकि देश के नागरिक खासकर युवा-पीढ़ी यह जान सके कि हमारी ताकत क्या है, हम कितने सक्षम हैं और कैसे हमारे सैनिक अपनी जान जोखिम में डालकर देशवासियों की रक्षा करते हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि पराक्रम पर्व जैसा दिवस युवाओं को हमारी सशस्त्र सेना के गौरवपूर्ण विरासत की याद दिलाता है और देश की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए हमें प्रेरित भी करता है।  

सैनिक मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार 
पराक्रमपर्व के अवसर पर प्रधानमंत्री ने वीरों की भूमि राजस्थान के जोधपुर में एक कार्यक्रम में स्वयं के भाग लेने का जिक्र करते हुए कहा कि अब यह तय हो चुका है कि हमारे सैनिक उन सबको मुंहतोड़ ज़वाब देंगे जो हमारे राष्ट्र में शांति और उन्नति के माहौल को नष्ट करने का प्रयास करेंगे।

हम शांति में विश्वास करते हैं, लेकिन…
पीएम मोदी ने कहा, ‘हम शांति में विश्वास करते हैं और इसे बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन सम्मान से समझौता करके और राष्ट्र की सम्प्रभुता की कीमत पर कतई नहीं। भारत सदा ही शांति के प्रति वचनबद्ध और समर्पित रहा है।’

हमारे सैनिकों ने विश्व शांति में निभाई भूमिका
इस दौरान उन्होंने देश के जवानों के हौसलों और उनकी ताकत का जिक्र करते हुए कहा, ‘आज भी संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की अलग-अलग शांति रखने वाले बलों (Peace Keeping Forces) में भारत सबसे अधिक सैनिक भेजने वाले देशों में से एक है। दशकों से हमारे बहादुर सैनिकों ने ब्लू हेलमेट पहन कर विश्व में शांति कायम रखने में अहम भूमिका निभाई है।  

वायुसेना की ताकत, दुश्मनों को दिया मुंहतोड़ जवाब 
आठ अक्टूबर को हम ‘वायुसेना दिवस’ मनाते हैं। 1932 में छह पायलट और 19 वायु सैनिकों के साथ एक छोटी सी शुरुआत से हमारी वायुसेना आज 21वीं सदी की सबसे साहसिक और शक्तिशाली वायुसेना में शामिल हो चुकी है। यह अपने आप में एक यादगार यात्रा है। उन्होंने कहा, ‘देश के लिए अपनी सेवा देने वाले सभी वायु योद्धाओं और उनके परिवारों का मैं अपने ह्रदय की गहराई से अभिनंदन करता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘1947 में वायुसेना ने श्रीनगर को हमलावरों से बचाने के लिए ये सुनिश्चित किया कि भारतीय सैनिक और उपकरण युद्ध के मैदान तक समय पर पहुंच जाएं। वायुसेना ने 1965 में भी दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया। 1999 करगिल की घुसपैठियों के कब्जे से मुक्त कराने में भी वायुसेना की भूमिका अहम रही है। उन्होंने आगे कहा कि राहत कार्य हो, बचाव कार्य हो या फिर आपदा प्रबंधन, हमारे वायु सैनिकों के सराहनीय कार्य को लेकर देश वायुसेना के प्रति कृतज्ञ है।

नारी सशक्त के साथ सशस्त्र भी
वायुसेना में महिलाओं की भागीदारी का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, ‘देश में स्त्री और पुरुष की समानता सुनिश्चित करने में वायुसेना ने मिसाल कायम करते हुए अपने प्रत्येक विभाग के द्वार उनके लिए खोल दिए हैं। अब महिलाओं के पास शॉर्ट सर्विस कमीशन के साथ परमानेंट कमीशन का विकल्प भी है।’ उन्होंने कहा कि भारत गर्व से कह सकता है कि भारत की सेना में सशस्त्र बलों में पुरुष शक्ति ही नहीं, स्त्री-शक्ति का भी उतना ही योगदान बनता जा रहा है। नारी सशक्त तो है, अब सशस्त्र भी बन रही है।

गांधी और मंडेला को किया याद
राष्ट्रपिता महात्म गांधी को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे राष्ट्र के लिए दो अक्टूबर के दिन के महत्व को बच्चा-बच्चा जानता है। इस वर्ष दो अक्टूबर का और एक विशेष महत्व है। अब से 2 साल के लिए हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के निमित्त विश्वभर में अनेक कार्यक्रम करने वाले हैं। PM ने कहा कि महात्मा गांधी के विचारों ने पूरी दुनिया को प्रेरित किया है। डॉ.मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला जैसी महान विभूतियां, हर किसी ने गांधी जी के विचारों से शक्ति पाई है, जिससे वे अपने लोगों को समानता और सम्मान का हक दिलाने के लिए लम्बी लड़ाई लड़ सके।

कुछ खरीदें तो देशवासियों के बारे में जरुर सोचें
बापू के महत्वपूर्ण कार्यों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘ बापू जी लोक संग्राहक थे, लोगों से जुड़ जाना और उन्हें जोड़ लेना उनकी विशेषता थी, ये उनके स्वभाव में था। यह उनके व्यक्तित्व की सबसे अनूठी विशेषता थी। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति को ये अनुभव कराया कि वह देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण और नितांत आवश्यक है।’ उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में उनका (गांधी) सबसे बड़ा योगदान ये रहा कि उन्होंने इसे एक व्यापक जन-आंदोलन बना दिया। पीएम ने कहा गांधी जी का एक जंतर आज भी उतना ही महत्वपूर्ण है और वह ये है कि हम खरीदारी करते समय यह सोचें कि मैं जो चीज़ खरीद रहा हूं, उससे मेरे देश के किस नागरिक का लाभ होगा, कौन भाग्यशाली होगा जिसका मेरी खरीद से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से लाभ होगा।’

स्वच्छ भारत मिशन दुनिया में सफल
स्वच्छ भारत मिशन को लेकर पीएम ने कहा कि यह मिशन देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में एक सफ़ल कहानी बन चुका है, जिसके बारे में हर कोई बात कर रहा है। इस बार भारत इतिहास में दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सम्मेलन आयोजित कर रहा है- ‘महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन’।

मानव अधिकारों के महत्व को समझनें की जरूरत
इस बीच उन्होंने कहा कि समाज के रूप में हमें मानव अधिकारों के महत्व को समझने और आचरण में लाने की आवश्यकता है- ये ही ‘सब का साथ – सब का विकास’ का आधार है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने अपनी मन की बात का समापन देशवासियों को नवरात्रि, दुर्गापूजा और विजयादशमी के पवित्र पर्वों की शुभकामनाएं देते हुए किया।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com