सरिता त्रिपाठी : सऊदी अरब की महिला थारा अली तीर्थयात्रियों को मक्का लेकर जाने वाली हाई स्पीड ट्रेन की चालक हैं। पिछले साल उन्होंने हरमैन हाई स्पीड रेलवे में महिला ड्राइवरों के लिए निकाली गई वेकेंसी के लिए आवेदन किया था। उस समय सिर्फ 32 सीटों के लिए 28000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे।
थारा अली हाई स्पीड ट्रेन को मक्का और मदीना के पवित्र शहरों के बीच 450 किलोमीटर के ट्रैक पर 300 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलाती हैं। थारा पहले अंग्रेजी की टीचर थीं, लेकिन उन्होंने पिछले महीने ही हाई स्पीड रेलवे के ड्राइवर की ट्रेनिंग पूरी की है।
सऊदी अरब की पहचान आमतौर पर एक कट्टर इस्लामी देश के रूप में होती है। इस्लामी कानूनों के अनुसार, सऊदी अरब में महिलाओं को पुरुषों के बराबर का अधिकार नहीं है। लेकिन, अब क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के शासन में यह देश तेजी से बदल रहा है। सऊदी की महिलाओं को 2018 में ड्राइव करने का अधिकार प्राप्त हुआ था। इसके बाद बड़ी संख्या में महिलाओं ने कार, बाइक और हैवी वाहन चलाने के लाइसेंस बनवाए हैं। कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जो अब तक पुरुष प्रधान माने जाने वाली नौकरियों को अपना रही हैं।
सऊदी अरब में नौकरियों में महिलाओं का अनुपात 2016 से दोगुना से अधिक हो गया है। वर्तमान में 2016 के 17 फीसदी के मुकाबले 37 फीसदी सऊदी महिलाएँ नौकरी करती हैं। ये आकंड़े सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के महिलाओं के प्रति उदार सोच को दिखात हैं। हालांकि, इसके बावजूद सऊदी महिलाओं के बीच बेरोजगारी उच्च स्तर पर है। पिछले साल सऊदी महिलाों की बेरोजगारी दर 20.5 फीसदी थी, जबकि सऊदी पुरुषों के लिए यह दर सिर्फ 4.3 फीसदी ही था।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal