(शाश्वत तिवारी): भारत-रूस द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग पर व्यापक चर्चा के दौरान दोनों देशों के बीच परमाणु ऊर्जा, औषधि, फार्मास्युटिकल तथा चिकित्सा उपकरणों से संबंधित समझौतों पर सहमति बन गई है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मास्को में रूस के उप-प्रधानमंत्री और उद्योग एवं व्यापार मंत्री डेनिस मंतुरोव से बैठक की। इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार, वित्त, ऊर्जा, कनेक्टिविटी, नागर विमानन और परमाणु ऊर्जा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति का जायजा लिया। दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय सहयोग को अधिक संतुलित और सतत बनाने पर चर्चा की।
बैठक के बाद विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा विभिन्न आयामों में अपने सहयोग को अधिक संतुलित और टिकाऊ बनाने पर चर्चा की। ‘रूसी सुदूर पूर्व’ पर सहयोग के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया। ईएईयू-भारत एफटीए वार्ताकारों की शीघ्र बैठक होने की उम्मीद है। भूमि और समुद्री गलियारों में संयुक्त रूप से कनेक्टिविटी कार्यक्रम आयोजित करेंगे। परमाणु ऊर्जा और दवाओं, फार्मास्युटिकल पदार्थों और चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
इससे पहले 25 दिसंबर को पांच दिवसीय रूस दौरे पर पहुंचे जयशंकर ने रूसी रणनीतिक समुदाय के प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उन्होंने मास्को में भारतीय समुदाय के लोगों से भी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया कि भारत ने रूस के साथ कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की भविष्य की बिजली उत्पादन इकाइयों के निर्माण से संबंधित कुछ बेहद महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
जयशंकर ने अपनी यात्रा के तीसरे दिन बुधवार को अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ बैठक की। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग के वर्तमान और भविष्य के क्षेत्रों के साथ-साथ आगामी संपर्क कार्यक्रम पर भी चर्चा की। दोनों मंत्रियों की बातचीत में मुख्य फोकस स्थायी परिवहन, लॉजिस्टिक, बैंकिंग और वित्तीय श्रृंखलाओं के निर्माण को बढ़ावा देने के साथ ही आपसी समझौतों में राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ाने पर रहा।
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