नई दिल्ली। तिमोर-लेस्ते के राष्ट्रपति महामहिम डॉ. जोस रामोस होर्टा गांधीनगर में 10वें वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 8-10 जनवरी 2024 तक भारत की यात्रा पर हैं। भारत के प्रधानमंत्री ने तिमोर-लेस्ते को क्षमता निर्माण, मानव संसाधन विकास, आईटी, फिनटेक, ऊर्जा तथा पारंपरिक चिकित्सा और फार्मा सहित स्वास्थ्य सेवा में सहायता की पेशकश की। उन्होंने तिमोर-लेस्ते को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) और आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना गठबंधन (सीडीआरआई) में शामिल होने के लिए भी आमंत्रित किया।
भारत और तिमोर-लेस्ते के बीच द्विपक्षीय संबंध लोकतंत्र और बहुलता के साझा मूल्यों पर आधारित हैं। भारत 2002 में तिमोर-लेस्ते के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था। भारतीय प्रधानमंत्री ने तिमोर-लेस्ते को अपने 11वें सदस्य के रूप में शामिल करने के आसियान के सैद्धांतिक निर्णय के लिए राष्ट्रपति होर्टा को बधाई दी और जल्द ही पूर्ण सदस्यता प्राप्त करने की आशा व्यक्त की।
दोनों राजनेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय मुद्दों और विकास पर भी चर्चा की। राष्ट्रपति होर्टा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए सशक्त समर्थन व्यक्त किया। दोनों राजनेताओं ने बहुपक्षीय क्षेत्र में अपना उत्कृष्ट सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। प्रधानमंत्री ने वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन के दो संस्करणों में तिमोर-लेस्ते की सक्रिय भागीदारी की सराहना की। वे इस बात पर सहमत हुए कि ग्लोबल साउथ के देशों को वैश्विक मुद्दों पर अपनी स्थिति में तालमेल बिठाना चाहिए।
भारतीय प्रधानमंत्री ने एक जीवंत “दिल्ली-दिली” संपर्क बनाने की भारत की प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की। गौरतलब है कि सितंबर 2023 में, उन्होंने तिमोर-लेस्ते में भारतीय मिशन खोलने की घोषणा की थी।
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