दोनों देशों के सैनिकों ने केस स्टडीज के माध्यम से एक-दूसरे के साथ मूल्यवान युद्ध अनुभव साझा किए. भारतीय और ओमानी सेना के इंजीनियरों ने फील्ड इंजीनियरिंग के महत्वपूर्ण कार्यों पर सहयोग किया.
इसके अलावा असॉल्ट राइफल, स्नाइपर, पिस्टल और एलएमजी की फायरिंग पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया, जिसका उद्देश्य वास्तविक ऑपरेशनों में इन हथियारों के इस्तेमाल को सटीकता और त्वरित प्रतिक्रिया के साथ प्रशिक्षित करना था. इस दौरान, दोनों देशों के सैनिकों ने केस स्टडीज के माध्यम से एक-दूसरे के साथ मूल्यवान युद्ध अनुभव साझा किए. भारतीय और ओमानी सेना के इंजीनियरों ने फील्ड इंजीनियरिंग के महत्वपूर्ण कार्यों पर सहयोग किया, जो वास्तविक समय के युद्ध स्थितियों में अहम भूमिका निभाते हैं.
दोनों दलों ने फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज में लिया हिस्सा
अभ्यासों के दौरान सांस्कृतिक आदान प्रदान भी किया गया
सामरिक अभ्यासों के साथ-साथ, ‘अल-नजाह V’ ने दोनों सेनाओं के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी अवसर प्रदान किया, जो आपसी संबंधों को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह अभ्यास एक भव्य लाइव-फायर डेमोंस्ट्रेशन के साथ समाप्त होगा, जो शांति स्थापित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के अनुरूप दोनों सेनाओं के बीच विकसित समन्वय को प्रदर्शित करेगा.
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