झारखंड पुलिस ने उसपर जहां 15 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था, वहीं नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी एनआईए ने भी उसे मोस्ट वांटेड नक्सलियों की सूची रखते हुए तीन लाख के इनाम की घोषणा की थी।
छोटू खरवार लातेहार के छिपादोहर सिकिद गांव का रहने वाला था। वह भाकपा माओवादी संगठन की रीजनल कमेटी का मेंबर था और संगठन में सुजीत जी के नाम से भी जाना जाता था। अगस्त में उसके घर पर पुलिस ने पोस्टर चिपकाया था और उसे 30 दिन के अंदर न्यायालय में पेश होने को कहा गया था।
झारखंड में नक्सलियों के सबसे बड़े गढ़ बूढ़ापहाड़ में पिछले साल जब सुरक्षा बलों और पुलिस ने ऑपरेशन ऑक्टोपस चलाया था, तो वहां से कई नक्सली भाग खड़े हुए थे। छोटू खरवार भी इन्हीं में एक था। वह कोयल और शंख जोन में संगठन के विस्तार में जुटा था।
छोटू ने हत्या, रंगदारी एवं लेवी वसूली, विस्फोट, आगजनी, गोलीबारी, पुलिस पर हमले सहित कई वारदातों को अंजाम दिया था। हाल में उसने लातेहार के छिपादोहर के इलाके में एक दैनिक वेतन भोगी कर्मी की हत्या कर दी थी।
वर्ष 2016 में लातेहार के बालूमाथ थाने की पुलिस ने सहारा इंडिया के मैनेजर चंदन कुमार के पास से 3 लाख रुपए बरामद किए थे। मैनेजर ने पुलिस से कहा था कि पैसे छोटू खेरवार के हैं। उसके पास से छोटू के 26 लाख रुपए के निवेश का डिपॉजिट स्लिप भी पुलिस को मिला था। 19 जनवरी 2018 को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने केस टेकओवर किया था। पुलिस ने नक्सलियों का पैसा निवेश कराने के मामले में उसकी पत्नी ललिता देवी को 19 अक्टूबर 2019 को गिरफ्तार किया था।
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