एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति (बिजली की अधिकतम मांग पूरी) भी दिसंबर 2024 में बढ़कर 224.16 गीगावाट हो गई, जो एक वर्ष पहले इसी अवधि में 213.62 गीगावाट थी।
इससे पहले महीने नवंबर 2024 में देश की बिजली खपत 5.14 प्रतिशत बढ़कर 125.44 अरब यूनिट्स (बीयू) रही। पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 119.30 बीयू था।
इसके अलावा, सरकार ने हाल ही में कहा कि भारत ने चालू वित्त वर्ष के दौरान 250 गीगावाट की सर्वकालिक अधिकतम बिजली मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया है, क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर ऊर्जा की कमी घटकर मात्र 0.1 प्रतिशत रह गई है।
विद्युत मंत्रालय के अनुसार, जनरेशन और ट्रांसमिशन क्षमता में शानदार वृद्धि के कारण, वित्त वर्ष 2024-25 में राष्ट्रीय स्तर पर ऊर्जा की कमी घटकर 0.1 प्रतिशत रह गई है, जो वित्त वर्ष 2013-14 में 4.2 प्रतिशत से काफी बेहतर है।
वर्ष के अंत में अपनी समीक्षा में मंत्रालय ने कहा कि देश में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 2023-24 में बढ़कर 1,395 किलोवाट घंटा हो गई है, जो 2013-14 में 957 किलोवाट घंटा से 45.8 प्रतिशत वृद्धि (438 किलोवाट घंटा) है।
मंत्रालय ने बताया कि देश भर के गांव और हर घर में बिजली पहुंचाई गई है, जो भारत के बिजली क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की औसत उपलब्धता 2014 में 12.5 घंटे से बढ़कर 21.9 घंटे हो गई है, जबकि शहरी क्षेत्रों में अब 23.4 घंटे तक बिजली आपूर्ति हो रही है, जो बिजली सेवाओं की विश्वसनीयता और पहुंच में पर्याप्त सुधार को दर्शाता है।
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