लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर्यावरण संरक्षण एवं सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विशेष तौर पर प्रतिबद्ध है। इसी दिशा क्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में जुलाई 2022 से ही सिंगल यूज्ड प्लास्टिक पर बैन लगा दिया था। पर्यावरण की शत्रु सिंगल यूज्ड प्लास्टिक के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए नगर विकास विभाग समय-समय पर प्रदेश व्यापी अभियान चलाता है। इसके तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में नगरीय निकायों ने 4.24 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया। इसके अतिरिक्त स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत चलाये जा रहे आरंभ 5.0 और प्युमा 3.0 के तहत सिंगल यूज्ड प्लास्टिक और उससे बनने वाले उत्पादों की खरीद-बिक्री और उपयोग के लिये सघन तलाशी अभियान चलाया गया था।
नगर विकास विभाग ने वर्ष 2024-25 में पूरे प्रदेश में की 4.24 करोड़ रुपये की वसूली
सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने एवं पर्यावरण संरक्षण के लिये सीएम योगी के मार्गदर्शन में जुलाई 2022 से प्रदेश में सिंगल यूज्ड प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह से बैन कर दिया गया था। इस दिशा में प्रदेश का नगर विकास विभाग समय-समय पर सिंगल यूज्ड प्लास्टिक की खरीद-बिक्री की रोकथाम के लिए प्रदेशव्यापी अभियान चलाता है। अभियान के तहत प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4.24 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया। साथ ही यूपी के सभी नगर निकाय और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रदेश के जिलों में सघन तलाशी और जब्ती के अभियान चलाते हैं। साथ ही स्वच्छ भारत मिशन – नगरीय के विशेष अभियान आरंभ 5.0 और प्लास्टिक उन्मूलन महाअभियान, प्यूमा 3.0 भी क्रमशः दिसम्बर और जनवरी माह में चलाये गये। जिसके तहत प्यूमा 3.0 अभियान के अंतर्गत इस वर्ष जनवरी माह में 13517 किलोग्राम पॉलीथीन जब्त की गई और लगभग 32 लाख रूपये का भी जुर्माना वसूला गया।
सिंगल यूज्ड प्लास्टिक की खरीद-बिक्री पर 25000 रु तक है जुर्माने का प्रावधान
नॉन बायो डिग्रीडेबल सिंगल यूज्ड प्लास्टिक के प्रयोग को प्रदेश में हतोत्साहित करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने जुलाई 2022 से सिंगल यूज्ड प्लास्टिक को पूरी तरह प्रतबंधित कर दिया है। जिसके तहत उत्तर प्रदेश में 75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक बैग का उपयोग प्रतिबंधित है। इसके साथ ही सिंगल यूज्ड प्लास्टिक के अंतर्गत प्लास्टिक की प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे, मिठाई के डिब्बे, निमंत्रण कार्ड एवं 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर का उपयोग करने पर जुर्माने का प्रावधान है। सिंगल यूज्ड प्लास्टिक की खरीद-बिक्री, निर्माण एवं कचरे के तौर पर फेंकने की स्थिति में भी 1000 रूपये से लेकर 25,000 रूपये तक का जुर्माना वसूला जा सकता है।
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