गुवाहाटी/नई दिल्ली : असम से भाजपा सांसद दिलीप सैकिया को उत्कृष्ट संसदीय कार्य प्रदर्शन के लिए प्रतिष्ठित संसद रत्न पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया जाएगा। वह उन 17 सांसदों में शामिल हैं जिन्हें आगामी जुलाई के अंत में नई दिल्ली में आयोजित होने वाले 15वें संस्करण में यह पुरस्कार दिया जाएगा। इस वर्ष दो संसदीय समितियों को भी इस सम्मान से नवाजा जाएगा।
संसद रत्न पुरस्कार समिति ने रविवार को घोषणा की कि यह पुरस्कार सांसदों के विषय पर आधारित बहसें, पूछे गए प्रश्न और पेश किए गए निजी सदस्य विधेयकों जैसे मापदंडों के आधार पर उनकी निष्पक्ष संसदीय उपलब्धियों को मान्यता देता है।
यह पुरस्कार वर्ष 2010 में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के सुझाव पर शुरू किया गया था। नागरिक समाज की ओर से दिए जाने वाले इन सम्मानों का उद्देश्य संसदीय उत्कृष्टता को सम्मानित करना है।
इस वर्ष चार सांसदों को “संसदीय लोकतंत्र में विशिष्ट एवं निरंतर योगदान” के लिए विशेष पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे – जिनमें उड़ीसा से भाजपा सांसद भर्तृहरि माहताब, केरल से आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, महाराष्ट्र से एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीरंग अप्पा बारणे शामिल हैं। ये सभी सांसद 16वीं और 17वीं लोकसभा में शीर्ष प्रदर्शनकर्ता रहे हैं और अब 18वीं लोकसभा में भी अपना उत्कृष्ट योगदान दे रहे हैं।
राज्यों की बात करें तो महाराष्ट्र सबसे आगे है जहां से सात सांसदों को यह पुरस्कार मिलेगा, जबकि उत्तर प्रदेश, झारखंड और राजस्थान से दो-दो तथा उड़ीसा, तमिलनाडु, केरल और असम से एक-एक सांसद चयनित हुए हैं।
इसके अलावा दो स्थायी संसदीय समितियों को भी सम्मानित किया जाएगा – जिनमें वित्त पर स्थायी समिति (अध्यक्ष : भर्तृहरि माहताब) और कृषि पर स्थायी समिति (अध्यक्ष : डॉ चरणजीत सिंह चन्नी) शामिल हैं।
पुरस्कारों का चयन करने वाली जूरी समिति की अध्यक्षता राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर कर रहे हैं, जो 2010 में संसद रत्न पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले सांसद थे।
इन पुरस्कारों की शुरुआत से अब तक 14 संस्करणों में कुल 125 सांसदों को सम्मानित किया जा चुका है। यह पहल प्राइम प्वाइंट फाउंडेशन और ईमैगजीन प्रीसेंस द्वारा डॉ. कलाम के विजन के अनुरूप एक गैर-व्यावसायिक उपक्रम के रूप में चलाई जा रही है।