इम्फाल : मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने आज प्रदर्शनकारियों से सीधे सामना करने के बजाय इम्फाल एयरपोर्ट से राजभवन तक महज चार किलोमीटर की दूरी के लिए हेलीकॉप्टर का सहारा लिया। कारण यह था कि कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटेग्रिटी (कोकोमी) के नेतृत्व में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एयरपोर्ट रोड पर एकत्र हुए थे, जिनमें छात्र भी शामिल थे। विरोध लगातार दूसरे दिन जारी रहा।
प्रदर्शनकारी सुबह 11 बजे से ही सड़कों पर लाइन लगाकर खड़े हो गए थे, राज्यपाल की दोपहर 1:30 बजे आगमन की उम्मीद थी। शांतिपूर्वक विरोध के बावजूद, सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई थी।
करीब तीन घंटे इंतजार के बाद, राज्यपाल को सड़क मार्ग से आते देखने की उम्मीद टूट गई। दोपहर करीब 3 बजे सूचना आई कि राज्यपाल ने हेलीकॉप्टर से राजभवन प्रस्थान कर लिया है। जैसे ही हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी, प्रदर्शनकारियों का एक समूह कांगला वेस्टर्न गेट की ओर बढ़ा- जहां हेलीकॉप्टर के उतरने की आशंका थी- लेकिन वे समय पर नहीं पहुंच सके।
कोकोमी महिला विंग की संयोजक आरके थारक्सना ने इस कदम की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “लोग सड़क किनारे शांति से अपनी बात कहने आए थे। लेकिन राज्यपाल का हवाई रास्ता चुनना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे साफ होता है कि उन्हें अपनी गलती का एहसास है। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक राज्यपाल माफी नहीं मांगते, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा, कोकोमी का शांतिपूर्ण विरोध कल से चल रहा है। सुरक्षा बलों की कार्रवाई के बावजूद, हम तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं।”
प्रमुख मांगाें में राज्यपाल द्वारा सार्वजनिक माफी, मुख्य सचिव, डीजीपी व अन्य शीर्ष अधिकारियों का इस्तीफा तथा मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता पर ठोस आश्वासन शामिल है। इस दाैरान प्रदर्शनकारियों ने नारे लिखी तख्तियां हाथ में ले रखी थीं।
उल्लेखनीय है कि यह आंदोलन उस घटना के बाद भड़का जिसमें 20 मई को महार रेजिमेंट के जवानों ने पत्रकारों की बस से ‘मणिपुर स्टेट ट्रांसपोर्ट’ शब्द हटाने के निर्देश दिए। यह बस शिरुई लिली फेस्टिवल 2025 की कवरेज के लिए उखरुल जा रही थी।