वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू किए गए नए ट्रैवल बैन को लेकर दुनिया भर में हलचल मच गई है। सोमवार आधी रात से प्रभावी होने वाले इस आदेश के तहत 12 देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा, जबकि 7 अन्य देशों के लिए कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
यह फैसला ट्रंप द्वारा 20 जनवरी को जारी कार्यकारी आदेश के तहत लिया गया, जिसमें यह निर्धारित करने के लिए कहा गया था कि किन देशों से आने वाले लोग अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकते हैं। इसी रिपोर्ट के आधार पर अब यह बैन लागू किया गया है।
अमेरिका की ओर घोषित सूची में 12 देश ऐसे हैं जिनके नागरिकों का अमेरिका में प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित हैं। इनमें अफगानिस्तान, म्यांमार, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरीट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन शामिल हैं। वहीं जिन 7 देशों पर कड़े प्रतिबंध लगे हैं, उनमें बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कोलोराडो के बोल्डर शहर में हुए आतंकी हमले के संदर्भ में कहा कि यह हमला बताता है कि कुछ देशों से आने वाले लोग, विशेषकर जो वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी रुकते हैं, अमेरिका के लिए खतरा हैं। हालांकि हमले का आरोपित मिस्र का नागरिक था, जो इस बैन सूची में शामिल नहीं है।
ट्रंप प्रशासन ने बताया कि यह कदम उन देशों के लिए उठाया गया है जिनके वीजा ओवरस्टे रेट (वीजा की अवधि समाप्त होने के बावजूद अमेरिका में रुकने वाले लोग) अत्यधिक हैं या जो अपर्याप्त सुरक्षा जांच करते हैं।
इस अमेरिकी कदम की आलोचना भी खूब हो रही है। अफ्रीकी यूनियन आयोग ने इस फैसले को “एकतरफा और असंतुलित” बताया है। साथ ही अमेरिका से पुनर्विचार करने की मांग की है। वहीं ओक्सफैम अमेरिका की अध्यक्ष एबी मैक्समैन ने इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा का बहाना बनाकर समुदायों को निशाना बनाने की कोशिश” बताया है।
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