पाकिस्तानी नागरिक के खिलाफ ईडी ने दाखिल की चार्जशीट, बांग्लादेशियों के लिए बनवाए थे फर्जी भारतीय दस्तावेज

कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोलकाता में एक पाकिस्तानी नागरिक के खिलाफ धनशोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत चार्जशीट दाखिल किया है। वह भारत में अवैध रूप से रह रहा था और खुद को भारतीय साबित करने के लिए आधार, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी और पासपोर्ट जैसे भारतीय पहचान पत्र हासिल कर लिए थे।

ईडी ने बताया कि आरोपित अजाद मलिक उर्फ अहमद हुसैन अजाद उर्फ अजाद हुसैन ने भारतीय पहचान पत्रों का उपयोग कर बांग्लादेशियों के लिए फर्जी दस्तावेज बनवाने और हवाला के जरिए धनशोधन जैसी अवैध गतिविधियों में शामिल था। एजेंसी ने 13 जून को कोलकाता की विशेष पीएमएलए अदालत में अभियोजन शिकायत दाखिल की थी, जिसे अदालत ने संज्ञान में लेते हुए सुनवाई की अगली तारीख तय कर दी है।

मामले में ईडी की जांच अप्रैल में पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा विदेशी अधिनियम, 1946 के तहत दर्ज एक प्राथमिकी पर आधारित है। शुरू में एजेंसी ने आरोपित को बांग्लादेशी नागरिक बताया था, लेकिन में यह स्पष्ट हुआ कि वास्तव में वह पाकिस्तानी नागरिक है।

ईडी के अनुसार, आरोपित के मोबाइल से एक पाकिस्तानी ड्राइविंग लाइसेंस बरामद हुआ जिसमें उसका नाम अजाद हुसैन दर्ज है और फोटो अजाद मलिक उर्फ अहमद हुसैन अजाद का है। इसमें उसके पिता का नाम मुमताज-उल-हक और स्थायी पता पाकिस्तान का है। लाइसेंस पर 14 अगस्त, 1971 की जन्मतिथि के साथ पाकिस्तान के हैदराबाद स्थित लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा जारी किया गया था।

आरोपित ने कोलकाता में हवाला नेटवर्क का संचालन किया, जिसके जरिए वह भारत और बांग्लादेश के बीच अवैध रूप से पैसे भेजने का काम करता था। नकद और यूपीआई के जरिए भुगतान लेकर बांग्लादेशी डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘बीकैश’ के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करता था।बांग्लादेशियों के लिए वीजा और पासपोर्ट बनवाने में भी वह मदद करता था, ताकि वे दुबई, कंबोडिया और मलेशिया जैसे देशों की यात्रा कर सकें।

आरोपित ने बांग्लादेशी, अमेरिकी और भारतीय करेंसी में भुगतान लेकर अपने बैंक खाते में जमा या फिर उन सहयोगियों के खातों में ट्रांसफर किया जो फर्जी वीजा और पासपोर्ट बनवाने के नेटवर्क से जुड़े थे। वह कोलकाता के कुछ फुल – फ्लेज्ड मनी चेंजर्स के जरिए अवैध कमाई को वैध दिखाने की कोशिश करता था।इन संस्थाओं में नकद में बड़ी रकम विदेशी मुद्रा की वैध बिक्री के रूप में दर्ज की जाती थी, जबकि वह असल में अवैध गतिविधियों की कमाई थी।

एजेंसी ने बताया कि आरोपित की पत्नी मयमूना अख्तर और उसके दो बेटे ओसामा बिन आजाद और ओमर फारुक बांग्लादेश के नागरिक हैं और वहीं रहते हैं। आरोपित अक्सर अपने परिवार से मिलने बांग्लादेश जाता था।——–

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