नक्सली हिंसा गरीबों और आदिवासियों के लिए बहुत बड़ी विभीषिका रही : अमित शाह

रायपुर : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह अपने दाे दिवसीय छत्तीसगढ़ दाैरे के दूसरे दिन आज नवा रायपुर में सुरक्षा बलों के जवानों के साथ संवाद किया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्य मंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, केन्द्रीय गृह सचिव, आसूचना ब्यूरो के निदेशक, बीएसएफ के महानिदेशक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज यहां उपस्थित केंद्रीय सुरक्षा बलों, कोबरा टीम, छत्तीसगढ़ पुलिस बल और डीआरजी के साहस, शौर्य, बलिदान और समर्पण को नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि सुरक्षा बल के जवान अपने शौर्य और परिश्रम से ही नक्सलियों के साथ मुठभेड़ को सफल बनाते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों ने जिस शौर्य, धैर्य और समर्पण के साथ माओवादियों के बनाये अड्डों को तहस-नहस किया है, उसने विश्व के सभी सुरक्षा बलों को आश्चर्यचकित कर दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे मालूम है कि सेना के जवान जो तय करते हैं, वो हासिल करते हैं। सुरक्षा बलों के इसी भरोसे से मैं देश में 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद के खात्मे का ऐलान करता हूं।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नक्सलवाद गरीब आदिवासी क्षेत्र के लिए बड़ी विभीषिका रही है, जिससे पिछले 35 साल में लगभग 40 हजार लोगों की मौत हुई है या फिर वो अपाहिज होकर जीवन व्यतीत कर रहे हैं ।नक्सलवादी हिंसा ने गरीब आदिवासी तक खाना, बिजली, शिक्षा, घर, शौचालय और पीने का शुद्ध पानी जैसे मूलभूत सुविधाओं को नहीं पहुंचने दिया और उद्योग को तो भूल ही जाइए। इतने लंबे वर्षों तक इतना बड़ा क्षेत्र गुलामी के कालखंड में जीने को मजबूर रहा। इसका मूल कारण नक्सलवाद है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे आज आनंद है कि आज जिस क्षेत्र से नक्सलवाद खत्म होता है, वहां हमारी सरकार अनाज, स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा, बिजली, घर, शौचालय और पीने का शुद्ध पानी पहुंचाकर लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ रही है। उन्होंने कहा कि जब बच्चा हाथ में बंदूक की जगह पेंसिल पकड़कर क, ख, ग लिखता है, तो न सिर्फ एक क्षेत्र का बल्कि पूरे देश का भविष्य संवरता है। यह क्षण जल्द ही आने वाला है।

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जब 31 मार्च, 2026 को देश नक्सलवाद से मुक्त होगा, वो क्षण आजादी के बाद का सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में से एक होगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जब नक्सलवाद के खात्मे का इतिहास लिखा जायेगा, उसमे सुरक्षा बलों के जवानों का त्याग, बलिदान और परिश्रम स्वर्णिम अक्षरों से अंकित होगा।

अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में ‘लियोर ओयना’- नक्सलियों द्वारा आदिवासियों के भीषण संहार और बस्तर को बचाने के प्रयासों पर लिखित पुस्तक का लोकार्पण भी किया। नक्सलियों ने जिन मासूम, निहत्थे लोगों को अपनी हिंसा का शिकार बनाया है, उनकी पीड़ा समझने में यह पुस्तक सहायक होनेवाली है। यह पुस्तक ह्यूमन राईट के नाम पर नक्सलियों से संवेदना दिखाने वालों के आँखों के आगे से पर्दा हटाने और उन्हें एक्सपोज करने में भी उपयोगी सिद्ध होगी।

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