पंजाब में फिर शुरू हाेगी बैलों की दौड़, विधानसभा में विधेयक पारित

चंडीगढ़ : पंजाब में लंबे समय के बाद फिर बैलों की दौड़ का आयोजन होने का रास्ता साफ हो गया। शुक्रवार को पंजाब विधानसभा में पशुओं के प्रति क्रूरता रोकथाम (पंजाब संशोधन) विधेयक 2025 सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। सदन में मुख्यमंत्री भगवंत

मान ने ग्रामीण खेलों को राज्य की संस्कृति का अभिन्न बताया।

विधानसभा में आज इस विधेयक पर बहस के दौरान मुख्यमंत्री मान ने कहा कि ग्रामीण खेल राज्य की शानदार संस्कृति का अभिन्न अंग रहे हैं। इस विधेयक का उद्देश्य ग्रामीण खेलों, विशेष रूप से बैलगाड़ी दौड़ और अन्य खेलों को बढ़ावा देना है, जो राज्य के कोने-कोने में आयोजित किए जाते थे। भगवंत मान ने कहा कि पशुधन राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था का अभिन्न अंग रहा है और पंजाबी किसान सदियों से पशुओं को अपने बच्चों की तरह पालते आए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाबियों ने हमेशा बैलगाड़ी जैसे खेलों को शुरू से ही पसंद किया है और किला रायपुर की इस दौड़ों की विश्वभर में चर्चा है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक आने वाले समय में पशुओं को नुकसान पहुंचाए बिना पूरे पंजाब में ऐसे खेलों को और अधिक प्रोत्साहित करने में सहायक होगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पशुओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और उनके प्रति किसी भी प्रकार की क्रूरता की अनुमति नहीं दी जाएगी।

मुख्यमंत्री मान ने कहा कि इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य खेलों में भाग लेने वाले पशुओं के लिए सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करना है, जिसमें पशुओं की पशु चिकित्सा निगरानी, सुरक्षा मानक, पंजीकरण, दस्तावेज़ और उल्लंघनों के लिए सजा शामिल है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह विधेयक गांवों में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के साथ-साथ पंजाब की देसी पशु नस्लों को बचाने में भी मदद करेगा। भगवंत सिंह मान ने घोषणा की कि राज्य सरकार आवारा पशुओं के खतरे से निपटने का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष उठाएगी, क्योंकि ये पशु लोगों के जीवन और संपत्ति के लिए गंभीर खतरा है।

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