भारत के लिए गर्व का क्षण, मुस्कुराते हुए कैप्सूल से बाहर आए अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला

नई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला सकुशल पृथ्‍वी पर वापस लौट आए हैं। उनके कैप्सूल ने कैलिफोर्निया के तट पर सफल लैंडिंग की। इसके बाद वे विशेषज्ञों की मदद से मुस्कुराते हुए कैप्सूल से बाहर आए। यह क्षण भारत के लिए ऐतिहासिक था क्योंकि शुक्ला पहले भारतीय हैं जिन्होंने किसी निजी मिशन के तहत आईएसएस की यात्रा की और सुरक्षित लौटे।

एक्सिओम 4 मिशन के तहत ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के ड्रैगन कैप्सूल ने मंगलवार को भारतीय समय के अनुसार दोपहर 3 बज कर दो मिनट पर कैलिफोर्निया के पास प्रशांत महासागर में स्प्लैशडाउन किया। इस दौरान उन्होंने हाथ उठाकर सबका अभिवादन किया। उन्होंने 18 दिनों में पहली बार गुरुत्वाकर्षण का अनुभव किया। इसके बाद शुभांशु शुक्ला को आइसोलेशन रूम में ले जा गया। अगले एक हफ्ते तक शुभांशु और अन्य एस्ट्रोनॉट्स को क्वारंटीन रखा जाएगा।

स्प्लैशडाउन पर पूरे देश की निगाहें थी

मंगलवार को पूरा देश अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की सफल वापसी पर नजरें गड़ाए बैठा था। अनुसंधान भवन में उनकी वापसी की लाइव कवरेज भी दिखाई जा रही थी। इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद थे। उतरने के करीब एक घंटे बाद जैसे ही ड्रैगन कैप्सूल का हैच खुला, सबसे पहले अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन बाहर निकलीं। कुछ मिनट बाद शुभांशु शुक्ला मुस्कुराते हुए बाहर आए।

सात दिनों तक पृथकवास में रहेंगे चारों अंतरिक्ष यात्रीअगले एक सप्ताह तक शुभांशु और अन्य एस्ट्रोनॉट्स को क्वारंटीन रखा जाएगा। अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के कारण शरीर की हड्डियों, मांसपेशियों और संतुलन प्रणाली को फिर से अनुकूल बनाना जरूरी होता है। विशेषज्ञों की टीम लगातार उनके स्वास्थ्य मापदंडों की निगरानी कर रही है ताकि किसी प्रकार की जटिलता से बचा जा सके।

एक्सिओम मिशन 4 के तहत किए गए 31 देशों के 60 वैज्ञानिक प्रयोग अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में 18 दिनों की यात्रा के दौरान एक्सिओम 4 मिशन के चार अंतरिक्ष यात्रियों ने 31 देशों के 60 साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट्स को अंजाम दिया। इनका मकसद स्पेस साइंस और हेल्थ टेक्नोलॉजी जैसे कई क्षेत्रों में नई जानकारी जुटाना था। यही डेटा और साइंटिफिक मैटेरियल आज धरती पर वापस लाया गया है। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने इस मिशन पर 7 प्रयोग पूरे किए। इसमें भारतीय टार्डिग्रेड, मायोजेनेसिस, मेथी और मूंग के बीज का अंकुरण, सायनोबैक्टीरिया, माइक्रोएल्गी, फसल बीज और वोयाजर डिस्प्ले पर प्रयोग योजना के अनुसार पूरे किए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि 25 जून 2025 को फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष स्टेशन से स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए यह मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च हुआ। 26 जून को अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पहुंच गए और उन्होंने वहां 18 दिनों का अपना सफर शुरू किया।

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