डीएफएस सचिव ने अस्पतालों तथा बीमा कंपनियों के बीच अधिक सहयोग पर जोर दिया

नई दिल्‍ली : वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) सचिव ने लागत नियंत्रण और मानकीकरण के माध्यम से अस्पतालों तथा बीमा कंपनियों के बीच अधिक सहयोग पर जोर दिया। सचिव ने बीमा कंपनियों से आग्रह किया कि वे पॉलिसीधारकों को विशेष रूप से अस्पताल में भर्ती होने और दावों के निपटान के दौरान, उच्चतम स्तर की सेवाएं तथा समयबद्ध सुविधा प्रदान करें।

 

वित्‍त मंत्रालय के मुताबिक देश में महंगी होती चिकित्सा और बढ़ती प्रीमियम लागत के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 13 नवंबर को वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव एम नागराजू की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। बैठक में सचिव ने सलाह दी कि स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक किफायती व सुलभ बनाने के लिए बीमा कंपनियां और अस्पताल राष्ट्रीय स्वास्थ्य दावा एक्सचेंज में शामिल होने की प्रक्रिया तेज करें। उपचार प्रोटोकॉल को मानकीकृत करें, सामान्य पैनल मानदंड अपनाएं तथा कैशलेस दावा प्रसंस्करण को अधिक सरल एवं निर्बाध बनाएं।

 

इसके अलावा उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी बीमा कंपनियों में अस्पतालों के पैनल बनाने के मानदंडों का मानकीकरण होने से पॉलिसीधारकों को निरंतर कैशलेस सेवाएं मिल सकेंगी। सेवा शर्तें सरल होंगी, संचालन प्रक्रियाएं अधिक प्रभावी बनेंगी और अस्पतालों पर प्रशासनिक बोझ भी कम होगा। सचिव ने जोर देकर कहा कि बीमा कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पॉलिसीधारकों को सर्वोत्तम स्तर की सेवाएं और समयबद्ध सहायता मिले। विशेषकर अस्पताल में भर्ती होने की प्रक्रिया के दौरान तथा दावों के अनुमोदन और निपटान के समय असुविधा न हो।

 

 

 

बैठक में जनरल इंश्योरेंस काउंसिल, एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया (एएचपीआई), मैक्स हेल्थकेयर, फोर्टिस हेल्थकेयर तथा अपोलो हॉस्पिटल्स जैसे स्वास्थ्य सेवा संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, स्टार हेल्थ इंश्योरेंस और बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी सहित कई अन्य बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी भा

ग लिया।

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