बिहार ने बंगाल में भाजपा की जीत का रास्ता बना दिया है : प्रधानमंत्री

नई दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बिहार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह जमानत पर बाहर आए लोगों का समर्थन नहीं करेगा और साथ ही राज्य ने पश्चिम बंगाल में भाजपा की जीत का रास्ता भी बना दिया है। दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया और कहा कि यह परिणाम ‘विकासवाद’ की जीत तथा ‘वंशवाद’ और ‘तुष्टिकरण राजनीति’ की पराजय है।

 

प्रधानमंत्री ने संबोधन की शुरुआत ‘जय छठी मैया’ के उद्घोष के साथ की। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने लोकतंत्र की मर्यादा, विकास के संकल्प और सुशासन पर भरोसा जताकर “गर्दा उड़ा दिया”। प्रधानमंत्री ने कहा, “बिहार ने बता दिया—फिर एक बार एनडीए सरकार। बिहार अब उन लोगों का समर्थन नहीं करेगा जो जमानत पर बाहर हैं। यह जनादेश साफ संदेश देता है कि जंगलराज और कट्टा सरकार जैसे दिन कभी लौटकर नहीं आएंगे।”

 

उन्होंने कहा कि बिहार ने जिस भरोसे के साथ एनडीए को जनादेश दिया है, उसने बंगाल में भी भाजपा की जीत का रास्ता तैयार कर दिया है। मोदी ने कहा, “जैसे गंगा बिहार से बंगाल तक बहती है, वैसे ही बिहार की यह जीत बंगाल तक ऊर्जा पहुंचा रही है। मैं बंगाल के भाइयों-बहनों को आश्वस्त करता हूं कि भाजपा आपके साथ मिलकर पश्चिम बंगाल से भी जंगलराज को उखाड़ फेंकेगी।”

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस और महागठबंधन पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष ने बिहार को बदनाम करने का काम किया, परंतु जनता ने उन्हें करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि जो लोग छठ पूजा को ‘ड्रामा’ बताते थे, वे कभी बिहार की परंपरा और संस्कृति का सम्मान नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, “छठी मैया का अपमान करने वालों ने आज तक माफी नहीं मांगी। बिहार के लोग यह अपमान कभी नहीं भूलेंगे।”

 

मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस आज ‘मुस्लिम-लीगी माओवादी कांग्रेस’ में बदल गई है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस के नामदार पार्टी को जिस दिशा में ले जा रहे हैं, उससे कांग्रेस के भीतर भी असंतोष और नाराज़गी तेजी से बढ़ रही है। मुझे आशंका है कि आगे कांग्रेस का एक और बड़ा विभाजन हो सकता है। कांग्रेस के पास देश के लिए कोई सकारात्मक दृष्टि नहीं है—न विकास का विज़न, न शासन का मॉडल।”

 

उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद देश के छह राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस एक बार भी 100 सीटों का आंकड़ा पार नहीं कर सकी। आज सिर्फ एक चुनाव में जितने एनडीए विधायक बने हैं, उतने विधायक कांग्रेस ने छह चुनावों में नहीं जीते।

 

प्रधानमंत्री ने विपक्ष के ‘एमवाई’ (मुस्लिम-यादव) तुष्टिकरण फार्मूले पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार की जनता ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया और नया ‘एमवाई’—महिला और युवा—को चुनकर सकारात्मक राजनीति को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि बिहार के युवा मतदाताओं ने मतदाता सूची के शुद्धिकरण को जबरदस्त समर्थन देकर लोकतंत्र को मजबूत किया है।

 

उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों ने रिकॉर्ड मतदान कर दिखा दिया है कि वे विकसित बिहार के लिए मतदान कर रहे हैं। बिहार ने स्पष्ट कहा है कि जंगलराज नहीं, विकास चाहिए। मैंने रिकॉर्ड मतदान का आग्रह किया था, और बिहार ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए।

 

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज की विजय लोकतंत्र की जीत है और इससे चुनाव आयोग में जनता का विश्वास और मजबूत हुआ है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की नगरोटा और ओडिशा के नुआपाड़ा उपचुनावों में भाजपा को मिले समर्थन के लिए भी जनता का आभार व्यक्त किया।

 

उन्होंने कहा कि हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में लगातार भाजपा को मिल रहे जनादेश और अब बिहार की बड़ी जीत यह साबित करती है कि लोग एनडीए के विकास एवं सुशासन मॉडल को लगातार स्वीकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह जीत वंशवाद के ख़िलाफ़ विकासवाद का जनादेश है।

 

प्रधानमंत्री ने देश और दुनिया के निवेशकों से कहा कि बिहार अब निवेश के लिए तैयार है और यह राज्य विकास की नई इबारत लिखने को तत्पर है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं और यह जनादेश राज्य को तेज गति से आगे बढ़ाने वाला है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार ने अपने मत से एक बार फिर सिद्ध कर दिया है कि “झूठ हारता है, जनविश्वास जीतता है” और लोकतंत्र पर हमला करने वाली हर ताकत को जनता जवाब देना जानती है।

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