कोलकाता : पश्चिम बंगाल में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अर्थात एसआईआर की प्रगति की समीक्षा के लिए निर्वाचन आयोग की चार सदस्यीय केंद्रीय टीम मंगलवार सुबह कोलकाता पहुंची। इस माह आयोग की दूसरी राज्य-स्तरीय समीक्षा यात्रा है, जिससे संकेत मिलता है कि आयोग की विशेष निगाह इस पूरी संशोधन प्रक्रिया पर केंद्रित है।
केंद्रीय दल में उप चुनाव आयुक्त ज्ञानेश भारती, आयोग के दो प्रमुख सचिव एस बी जोशी और मलय मालिक, तथा उप सचिव अभिनव अग्रवाल शामिल हैं। यह टीम मंगलवार से 21 नवम्बर तक राज्य में रहेगी और अपने दौरे में कोलकाता, दक्षिण चौबीस परगना, नदिया, मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों में एसआईआर की स्थिति की समीक्षा करेगी। महीने की शुरुआत में हुई पहली यात्रा में टीम ने उत्तर बंगाल के तीन जिलों में प्रगति का जायजा लिया था।
सूत्रों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में तीन चरणों वाली एसआईआर प्रक्रिया का पहला चरण 4 नवम्बर से शुरू हुआ था। मतदाताओं के बीच प्रपत्र वितरण लगभग पूरा हो चुका है। मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय से प्राप्त ताजा जानकारी के अनुसार बूथ स्तर अधिकारियों द्वारा संग्रहित प्रपत्रों के डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है और अब तक एक करोड़ से अधिक प्रपत्र डिजिटल रूप में परिवर्तित किए जा चुके हैं। 27 अक्टूबर तक राज्य में मतदाताओं की कुल संख्या सात करोड़ 66 लाख 37 हजार 529 दर्ज की गई है।
पूरी एसआईआर प्रक्रिया अगले वर्ष मार्च तक पूर्ण होने की उम्मीद है। राज्य में पिछली बार यह विशेष संशोधन 2002 में किया गया था। उस समय की मतदाता सूची में जिन मतदाताओं या उनके माता-पिता का नाम दर्ज था उन्हें इस बार स्वत: वैध मतदाता माना जाएगा, जबकि जिनके नाम अथवा उनके माता-पिता के नाम 2002 की सूची में नहीं थे उन्हें अपनी प्रविष्टि बनाए रखने के लिए आयोग द्वारा निर्धारित ग्यारह में से किसी एक दस्तावेज का प्रस्तुतिकरण करना होगा।
इस व्यापक पुनरीक्षण प्रक्रिया पर निर्वाचन आयोग की लगातार निगरानी से स्पष्ट है कि मतदाता सूची को सटीक, अद्यतन और त्रुटिरहित बनाने को लेकर इस बार विशेष सतर्कता अपनाई जा रही है
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