जोहान्सबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) : भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां स्थानीय समयानुसार शनिवार को जी-20 शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र में जलवायु परिवर्तन का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि आज आपदा की तैयारी और उसका सामना करने के लिए विश्व को मजबूत सहयोग के साथ हाथ बढ़ाना चाहिए।
प्रधानमंत्री के आधिकारिक एक्स हैंडल पर यह जानकारी दी गई। उन्होंने आपदाओं और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर सारी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, ” जोहान्सबर्ग में जी-20 सम्मेलन के दूसरे सत्र में आपदाओं और जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिए एक मजबूत दुनिया बनाने और एनर्जी ट्रांज़िशन पक्का करने पर फोकस किया गया। यह मजबूत खाद्यान योजना के साथ-साथ जरूरी भी हों। भारत इन सभी मोर्चों पर सक्रियता से काम कर रहा है और एक ऐसा भविष्य बना रहा है जो इंसानों पर केंद्रित और सबको साथ लेकर चलने वाला हो।”
प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 के नेताओं को याद दिलाया कि भारत ने 2023 इस संगठन की अध्यक्षता के दौरान डिजास्टर रिस्क रिडक्शन वर्किंग ग्रुप बनाया था। उन्होंने कहा कि भारत ने इस मसले को प्राथमिकता देने के लिए दक्षिण अफ्रीका की तारीफ की थी। मोदी ने कहा कि प्राकृतिक आपदाएं इंसानियत के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई हैं। इनसे निपटने के लिए वैश्विक सहयोग बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा कि वक्त आ गया है कि अंतरिक्ष तकनीक मनुष्यता के काम आए। प्रधानमंत्री ने जी-20 ओपन सैटेलाइट डेटा पार्टनरशिप का प्रस्ताव भी रखा। उन्होंने विकसित देशों से समय पर सस्ती दर पर जलवायु परिवर्तन के लिए आर्थिक सहयोग देने का भी आह्वान किया। उन्होंने नई दिल्ली में तय हुए डेक्कन प्रिंसिपल्स के आधार पर एक जी-20 रोडमैप बनाने की भी अपील की। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान दुनिया भर अनेक नेताओं से मुलाकात की है। उन्होंने एक्स पर कई फोटो साझा किए हैं। उन्होंने विश्व व्यापार संगठन की महानिदेशक न्गोजी ओकोन्जो-इवेला से भी मुलाकात
की है।
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