नई दिल्ली : भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने समुद्र में डूबी भगवान श्रीकृष्ण की नगरी द्वारका की एक बार फिर से खोज शुरू की है। इसको लेकर एएसआई के अंडरवाटर आर्कियोलॉजी विंग (यूएडब्ल्यू) ने गुजरात के द्वारका और बेट द्वारका में खुदाई शुरू की है। इस कार्य में जमीन पर और समुद्र में दोनों जगह खुदाई होगी।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के मुताबिक एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक (पुरातत्व) प्रो. आलोक त्रिपाठी के नेतृत्व में छह पुरातत्वविदों की टीम ने द्वारका तट पर खोज शुरू की। अभी खुदाई 56 सीढ़ी क्षेत्र, गोमती घाट के पास शुरू की गई है। द्वारकाधीश मंदिर के आसपास जगह कम होने के कारण खुदाई फिलहाल छोटे क्षेत्र में हो रही है। इस खुदाई का मुख्य उद्देश्य द्वारका नगरी के पुरातात्विक अवशेषों को दर्ज करना और प्राचीनता का वैज्ञानिक अध्ययन करना है। एएसआई के मुताबिक फरवरी–मार्च 2025 में यूएडब्ल्यू की टीम ने द्वारका और बेट द्वारका में सर्वेक्षण किया था।
उल्लेखनीय है कि साइट की महत्ता देखते हुए एएसआई ने इस काम के लिए एक साल की अनुमति दी। फरवरी 2025 में पांच सदस्यीय टीम ने गोमती क्रीक के दक्षिण में सर्वे किया और संभावित खुदाई क्षेत्रों की पहचान की। इससे पहले साल 2007 में द्वारकाधीश मंदिर के उत्तरी द्वार के पास थोड़ी खुदाई हुई थी। लगभग 10 मीटर गहरा, 26 परतों वाला क्षेत्र खोदा गया था। वहां से लोहे की चीजें, मनके, तांबे के सामान, अंगूठियां और दूसरी कलाकृतियां मिली थीं। साथ ही मिट्टी के बर्तनों का भी अध्ययन किया गया था।
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