Ayodhya, Mar 21 (ANI): Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath addresses the gathering during an event for the distribution of loans worth Rs 47 crore to 1,148 entrepreneurs of Ayodhya division under the 'Chief Minister Yuva Udyami Vikas Abhiyan', in Ayodhya on Friday. (ANI Photo)

अत्याधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल कर सुदृढ़ सुशासन दे रही योगी आदित्यनाथ सरकार

लखनऊ, 05 दिसंबर। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार सुशासन के अपने मॉडल को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए तेजी से उन्नत तकनीकों को माध्यम बना रही है। कानून व्यवस्था को मजबूत करने और न्याय प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए सरकारी तंत्र में डिजिटल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित समाधानों का दायरा लगातार विस्तृत और समृद्ध हो रहा है। इसका उद्देश्य अपराध नियंत्रण से लेकर न्याय की प्रक्रिया तक की दक्षता में वृद्धि करना है। गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चीकृत क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला के उद्घाटन के दौरान कहा भी था कि “अब प्रदेश में अपराधी के बचने का कोई रास्ता नहीं बचेगा। फोरेंसिक जांच अपराध की कड़ी को मिनटों में उजागर कर देगी और हर गंभीर मामले में वैज्ञानिक साक्ष्य निर्णायक भूमिका निभाएंगे”।

राज्य पुलिस प्रणाली को स्मार्ट तथा अधिक सक्षम बनाने के लिए सरकार ने त्रिनेत्र 2.0 के रूप में एक नया उन्नत डिजिटल डेटाबेस तैयार किया है। यह एक एआई एन्हांस्ड प्लेटफॉर्म है, जिसमें पुलिस रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से सुरक्षित और व्यवस्थित किया जाता है। यह सिस्टम अपराधियों की पहचान और उनके इतिहास को समझने के काम को त्वरित और सटीक बनाता है। त्रिनेत्र फेशियल रिकग्निशन वॉइस आइडेंटिफिकेशन और टेक्स्ट बेस्ड क्वेरी जैसी आधुनिक तकनीकों के जरिए पुलिस को संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करने में मदद मिलती है। इससे क्राइम के जांच की गति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
जुलाई 2023 से प्रदेश के समस्त जनपदों में ऑपरेशन त्रिनेत्र प्रारम्भ किया गया, जिसके अन्तर्गत महत्वपूर्ण चौराहों, संवेदनशील स्थानों, हॉटस्पॉट, बैंक, स्कूल, कॉलेज, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, धार्मिक स्थल, मोबाइल टॉवर, पेट्रोल पम्प, ढाबा आदि स्थानों पर नागरिक स्वयंसेवी सस्थाओं के माध्यम से सीसीटीवी कैमरे लगाने की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी थी और 2025 की शुरुआत तक ही तक प्रदेश के समस्त थानों में चिन्हित स्थलों पर 11,07,782 सीसीटीवी कैमरों का अधिष्ठापन कर दिया गया है। और इसी का परिणाम है कि 2025 की शुरुआत तक ही त्रिनेत्र के माध्यम से डकैती, लूट सहित अन्य गम्भीर कुल 5,718 घटनाओं का सफल अनावरण किया गया।

जेल प्रशासन को स्मार्ट बनाने की दिशा में भी योगी सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राज्य की जेलों में एआई पावर्ड वीडियो एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म लागू किया गया है जो बंदियों की गतिविधियों पर रियल टाइम नजर रखने में सक्षम है। इसके माध्यम से किसी भी संदिग्ध हरकत या संभावित जोखिम की पहचान तुरंत हो जाती है जिससे जेल सुरक्षा में प्रभावी सुधार आया है। इसके साथ ही वरिष्ठ अधिकारी विभिन्न जेलों की स्थिति को रियल टाइम में मॉनिटर कर सकते हैं और आवश्यक निर्देश तत्काल जारी कर सकते हैं।

गोरखपुर में फोरेंसिक साइंस लैब के उन्नयन के बाद जांच एजेंसियों की वैज्ञानिक जांच क्षमता में भी उल्लेखनीय विकास हुआ है। अत्याधुनिक मशीनों और प्रशिक्षित विशेषज्ञों से लैस इस लैब ने अपराध जांच की गुणवत्ता को नई ऊंचाई दी है। सरकार का स्पष्ट मानना है कि आधुनिक फोरेंसिक तकनीकें अपराधों की सटीक और वैज्ञानिक जांच सुनिश्चित करती हैं और यही कारण है कि प्रदेश भर में फोरेंसिक और इन्वेस्टिगेटिव क्षमताओं को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

इन सभी पहल का लक्ष्य उत्तर प्रदेश में सुशासन की ऐसी प्रणाली विकसित करना है, जिसमें पारदर्शिता दक्षता और तकनीकी सशक्तिकरण केंद्र बिंदु में हो। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार की यह रणनीति प्रदेश को एक सुरक्षित कानून आधारित और तकनीक संचालित राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

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