एलसीए तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमान के लिए भारत को अमेरिका से मिला पांचवां जीई-404 इंजन

नई दिल्ली : अमेरिकी इंजन निर्माता कंपनी जीई एयरोस्पेस ने शुक्रवार को स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) मार्क-1 ए के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को पांचवां जेट इंजन सौंप दिया।

 

इस वित्त वर्ष के अंत तक भारत को 12 जीई-404 इंजन मिलने की उम्मीद है। एचएएल को मार्च से नए विमान की आपूर्ति करनी थी, लेकिन इसमें लगने वाले इंजन की अमेरिका से आपूर्ति में देरी की वजह से इंतजार लंबा हो गया। अब इंजन को लेकर बुनियादी समस्याओं का समाधान होने के बाद विमान के उत्पादन में तेजी आने की उम्मीद बढ़ी है।

 

भारत ने फरवरी, 2021 में एचएएल के साथ 83 तेजस मार्क-1ए विमानों के लिए 48 हजार करोड़ रुपये का एक समझौता किया था। इस अनुबंध में 73 लड़ाकू जेट और 10 प्रशिक्षक विमान शामिल थे। भारतीय वायु सेना को 2024 में पहली खेप मिलने की उम्मीद थी, लेकिन इस बीच कंपनी जीई एयरोस्पेस (जीई) ने एफ-404 इंजन का उत्पादन बंद कर दिया। रक्षा मंत्रालय ने इसी साल 25 सितंबर को एचएएल के साथ अतिरिक्त 97 एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू विमानों के नए ऑर्डर का अनुबंध किया है, जिसमें 68 सिंगल-सीट लड़ाकू विमान और 29 ट्विन-सीट ट्रेनर विमान हैं, जिनकी डिलीवरी 2027-28 में शुरू होकर छह वर्षों में पूरी होगी। इस तरह एचएएल को भारतीय वायु सेना के लिए 180 विमानों का निर्माण करना है।

 

लंबे इंतजार के बाद आखिरकार कंपनी ने इसी साल 26 मार्च को पहला इंजन भारत को सौंपा। इसके बाद 13 जुलाई को जीई ने दूसरा इंजन भेजा। एचएएल को एलसीए मार्क-1ए के लिए तीसरा जीई-404 इंजन 11 सितंबर को मिला। कंपनी ने उसी समय एक और इंजन सितंबर के अंत तक देने का वादा किया था, जिसकी आपूर्ति 30 सितंबर को की गई। भारत को चार इंजन मिलने के बाद एलसीए मार्क-1ए विमानों के उत्पादन और आपूर्ति का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद बढ़ी है। अमेरिकी इंजन निर्माता कंपनी जीई एयरोस्पेस ने पांचवां इंजन आज एचएएल को सौंप दिया। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक भारत को 12 जीई-404 इंजन मिलने की उम्मीद है। ये इंजन भारत के स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान में लगाए जायेंगे, जिसे भारतीय वायु सेना में शामिल किया जा रहा है।

 

एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. डीके सुनील ने कहा कि एचएएल जीई के एफ-414 इंजनों के लिए 80 फीसदी प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर भी बातचीत कर रहा है, जो उन्नत एलसीए मार्क-2 और स्वदेशी उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) को शक्ति प्रदान करेगा। डॉ. सुनील ने कहा कि जीई ने हमें एक साल में 12 इंजन देने का वादा किया था, लेकिन अब शायद हमें वित्तीय वर्ष के अंत तक 12 इंजन मिल जाएंगे। इस साल हमें 10 इंजन मिल सकते हैं। बाकी इंजन हमें अगले साल मार्च तक मिल जाएंगे। हम 10वें विमान का ढांचा बना चुके हैं और 11वां विमान तैयार है। इंजन को लेकर बुनियादी समस्याओं का समाधान हो गया है, इसलिए अब उत्पादन में तेजी आएगी। जीई ने अगले साल 20 इंजन देने का वादा किया है, जिसके लिए शीर्ष प्रबंधन के साथ एक बैठक की है। ————————–

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