लखनऊ : कोडीन कफ सिरप का मामला सोमवार को विधानसभा में दिनभर गूंजता रहा। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष और एक अन्य सदस्य अतुल प्रधान के इस मुद्दे को उठाने के बाद मुख्यमंत्री योगी विपक्ष पर जमकर बरसे। सपा को कटघरे में खड़ा करते हुए मुख्यमंत्री ने दोबारा से इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष रखा और उन्होंने कोडीन कफ सिरप प्रकरण में आराेपिताें के समाजवादी पार्टी से जुड़े होने का सबूत भी पेश किया।
मुख्यमंत्री याेगी वंदे मातरम पर हो रही चर्चा में भाग लेने के लिए दाेबारा दाेपहर बाद सदन पहुंचे। नेता सदन एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा कि प्रकरण का किंग पिन आलोक सिपाही पक्का सपाई है। उन्होंने फोटो दिखाते हुए कहा कि एक और आरोपित अमित यादव तस्वीर में आखिलेश यादव के साथ दिख रहा है। अमित यादव समाजवादी पार्टी के युवजन सभा से जुड़ा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि विभोर राणा का लाइसेंस समाजवादी सरकार में जारी हुआ था और सपा से जुड़े आलोक सिपाही को हमारी सरकार ने बर्खास्त किया था। कोडीन कफ सिरप प्रकरण में पुलिस महानिरीक्षक के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर कार्रवाई की जा रही है। दूध का दूध और पानी का पानी साफ हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने सदन काे बताया कि अब तक इस प्रकरण में 332 फर्मों पर छापे मारे जा चुके हैं, 136 फर्मों खिलाफ एनडीपीएस के तहत मामला दर्ज किया गया है। 77 से अधिक लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। पूरे प्रकरण की एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई हो रही है, जिसे कोर्ट ने उचित ठहराया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोडीन कफ सिरप मामले में हम जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी पर पलटवार करते हुआ कहा कि हमारी सरकार कफ सिरप मामले से जुड़े आरोपितों को किसी भी कीमत पर बख्शेगी नहीं। मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके और समाजवादी पार्टी की पोल पट्टी खोलकर रख दी। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति जानता है कि माफिया से संबंध किसके हैं। यूपी पुलिस की कार्रवाई में पता चला कि कोडीन कफ सिरप मामले के किंग पिन शुभम जायसवाल का समाजवादी पार्टी से संबंध रहा है। शुभम जायसवाल और अमित यादव व्यापारिक साझेदार हैं। इसका संबंध समाजवादी युवा जनसभा से भी रहा है। मिलिंद यादव भी इस गठजोड़ में शामिल है, जो शुभम जायसवाल का करीबी है। मिलिंद यादव के फोन नंबर शैली ट्रेडर्स के नाम से जीएसटी रजिस्ट्रेशन में शामिल है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अमित और मिलिंद यादव के खाते से शैली ट्रेडर्स के खाते में गलत तरीके से ट्रांजेक्शन भी हुआ है। कफ सिरप के डायवर्जन में समाजवादी पार्टी के लोग शामिल हैं। हमारे पास सबूत है कि मनोज यादव, राजीव यादव और मुकेश यादव कोडीन कफ सिरप के अवैध डायवर्जन में शामिल हैं। अमित यादव ने 2024 में दुबई की यात्रा भी की है। उन्होंने विपक्ष के हंगामें का जवाब देते हुए कहा कि जब समाजवादी पार्टी से जुड़े आरोपितों पर कार्रवाई होगी तो सपा के लोग ही सबसे पहले फतिहा पढ़ने जाएंगे। समाजवादी पार्टी जानती है कि हम लोग आराेपिताें के खिलाफ कितनी कड़ाई से कार्रवाई करते हैं।
यूपी में नहीं हाेता कोडीन कफ सिरप का उत्पादन, न काेई माैत हुईइससे पहले आज विधानसभा में विपक्ष के विधायकों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस कोडीनयुक्त सिरप की बात उठाई जा रही है, उसका उत्तर प्रदेश में न तो प्रोडक्शन होता है और न ही इसके उपयोग को लेकर प्रदेश में कोई भी मौत हुई है। ये पूरा मामला दवा के ईलीगल डायवर्जन, ट्रेडिंग और स्टोरेज को लेकर है। उत्तर प्रदेश पुलिस, एसटीएफ और एफसडीए विभाग की ओर से इस प्रकरण को लेकर कड़ी कार्यवाही कर रही है। उन्होंने बताया कि हालांकि केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने स्पष्ट किया है कि देश के अन्य राज्यों में जिस कफ सिरप के उपयोग से मौतें हुई हैं, उसका प्रोडक्शन तमिलनाडु में होता है। लेकिन इसके बाद भी उत्तर प्रदेश में एफएसडीए विभाग ने एक हजार से अधिक कफ सिरप के नमूनों की जांच की है। मुख्यमंत्री ने विस्तार में जवाब देते हुए प्रकरण के मुख्य आराेपिताें के नाम भी सदन के पटल पर रखे। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में वाराणसी में शैली ट्रेडर फार्मा के शुभम जायसवाल, भोला जायसवाल और आकाश पाठक, सहारनपुर के एबार्ट हेल्थ केयर के विभोर राणा, गाजियाबाद में सौरभ त्यागी, अभिषेक शर्मा, विशाल उपाध्याय, तपन यादव और शादाब के अलावा लखनऊ के मनोहर जायसवाल और बायो हब के इमरान इस प्रकरण के मुख्य किंग पन हैं। उन्होंने कफ सिरफ प्रकरण में के समाजवादी पार्टी के लोगों की संलिप्ता का खुलासा किया और कहा कि प्रदेश अच्छे से जानता है कि माफिया के संबंध किससे हैं।
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