वन्यजीव संरक्षण के लिए भारतीय रेल ने एआई आधारित प्रणाली को किया मजबूत

नई दिल्ली : रेलवे पटरियों पर हाथियों सहित अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित प्रणाली को और मजबूत किया है। रेलवे ने एआई सक्षम इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम (आईडीएस) को डिस्ट्रीब्यूटेड अकॉस्टिक सिस्टम (डीएएस) तकनीक के साथ तैनात किया है, जिससे समय रहते पटरियों पर हाथियों की मौजूदगी का पता लगाया जा सके।

 

रेल मंत्रालय के अनुसार, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के 141 रूट किलोमीटर खंड में इस एआई आधारित इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम को लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य रेल पटरियों पर हाथियों सहित अन्य वन्य जीवों से जुड़ी दुर्घटनाओं को रोकना है। यह प्रणाली सफलतापूर्वक कार्य कर रही है और इसके प्रभावी प्रदर्शन को देखते हुए भारतीय रेल में 981 आरकेएम के अतिरिक्त खंडों के लिए भी इसके क्रियान्वयन के टेंडर जारी किए गए हैं। इसके साथ ही कुल कवरेज 1,122 आरकेएम तक बढ़ जाएगा।

 

यह प्रणाली रेलवे पटरियों के आसपास हाथियों की गतिविधियों का पता लगाकर लोको पायलटों, स्टेशन मास्टरों और कंट्रोल रूम को रियल-टाइम अलर्ट भेजती है, जिससे समय रहते एहतियाती कदम उठाए जा सकें। एआई आधारित कैमरों के माध्यम से लोको पायलटों को करीब 0.5 किलोमीटर पहले ही चेतावनी मिल जाती है।

 

भारतीय रेल की तरफ से बताया गया है कि तकनीक आधारित समाधानों के जरिए रेलवे पटरियों पर वन्यजीवों, विशेषकर हाथियों की मौतों को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। एआई सक्षम इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम का विस्तार भारतीय रेल की वन्यजीव संरक्षण और सुरक्षित ट्रेन संचालन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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