योगी सरकार की कैबिनेट की बैठक में कई प्रस्तावों पर लगी मुहर
लखनऊ : यूपी की योगी सरकार ने पारंपरिक रोजगार व हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना लागू करने का निर्णय लिया है। सरकार के इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने भी मंगलवार को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार देर शाम लोकभवन में कैबिनेट की बैठक हुई। इस दौरान सरकार के कई प्रस्तावों को पारित किया गया। कैबिनेट द्वारा पारित विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत सूबे के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पारम्परिक हस्तशिल्प को बढ़ावा मिलेगा। इससे रोजगार भी बढ़ेगा।
सरकार ने इस योजना के तहत पारम्परिक कारीगरों को प्रशिक्षण देने का भी निर्णय लिया है। यह प्रशिक्षण कौशल वृद्धि के लिए छह दिवसीय निःशुल्क और आवासीय होगा। प्रशिक्षण का कार्यक्रम तहसील और जिला मुख्यालय पर आयोजित होगा। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को श्रम विभाग द्वारा निर्धारित मानदेय एवं उनके खाने-पीने की भी व्यवस्था होगी। प्रशिक्षण के लिए आवेदन ऑन लाइन होंगे। योगी कैबिनेट ने आसरा योजना के अन्तर्गत लाभार्थी चयन और आवास आवंटन की प्रक्रिया में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके तहत अब बगैर लाटरी प्रक्रिया के सीधे मकान आवंटित किया जा सकेगा। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2012-2013 से शहरी गरीबों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आसरा योजना प्रारंभ की गई है। योगी मंत्रिमंडल ने अमृत योजना के तहत नगर पालिका परिषद जौनपुर हेतु सीवरेज योजना से संबंधित परियोजना के लिए 264 करोड़ 76 लाख रुपये के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इस परियोजना के लागू होने से जौनपुर नगर पालिका परिषद के लोगों को सीवरेज सुविधा उपलब्ध होगी।
इसके अलावा मंत्रिमंडल (कैबिनेट) ने बैठक में उत्तर प्रदेश जल निगम अध्यक्ष के पद को लाभ का पद बनाये जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। जल निगम अध्यक्ष को निगम के प्रबंधकीय व्यवस्था को नियंत्रित करने का भी अधिकार दिया गया है। पूर्ववती सपा सरकार में इस पद पर मो.आजम खां थे। उस समय अध्यक्ष द्वारा प्रबंधकीय व्यवस्था पर नियंत्रण करने के अधिकार को समाप्त कर दिया गया था। कैबिनेट ने आज की बैठक में करीब 11 हजार करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट को भी मंजूरी दी। योगी सरकार बुधवार को यह अनुपूरक बजट विधानसभा में प्रस्तुत करेगी।
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