पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना साधा है। मनमोहन सिंह ने कहा कि वह ऐसे प्रधानमंत्री नहीं थे, जो प्रेस से बात करने में घबराता हो। उन्होंने कहा कि वह लगातार प्रेस से मिलते थे। हर विदेश यात्रा में प्रेस कांफ्रेंस करते थे।

अपनी किताब ‘चेंजिंग इंडिया’ के विमोचन पर डॉ. सिंह ने प्रधानमंत्री पर प्रेस से दूर रहने व घबराने के आरोप लगाए। खुद पर मौन रहने के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि लोग कहते है कि मैं मौन प्रधानमंत्री था। मैं समझता हूं मेरी किताब चेंजिंग इंडिया इस बारे में खुद बोलेगी। मैं ऐसा प्रधानमंत्री नहीं था जो प्रेस से बात करने में घबराता हो।
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में सरकार के गठन के बाद किसानों का कर्ज माफ करने के बारे में उन्होंने कहा कि हमे इस फैसले का सम्मान करना चाहिए। यह चुनावी घोषणा पत्र में किया गया वादा है, जिसे पूरा करना हमारी जिम्मेदारी थी। इसलिए इन दोनों राज्यो के मुख्यमंत्रियों ने इस फैसले का ऐलान किया है।
आरबीआई – सरकार का रिश्ता पति-पत्नी की तरह
डॉ.सिंह ने सरकार और रिजर्व बैंक को आपसी तालमेल के साथ काम करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा, रिजर्व बैंक और सरकार का संबंध पति-पत्नी की तरह है। दोनों के बीच मतभेदों का निपटाना जरूरी होता है, ताकि दोनों सामंजस्य के साथ काम कर सकें। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, स्वतंत्र और मजबूत रिजर्व बैंक का सम्मान किया जाना चाहिए। पर साथ ही वह उम्मीद करते है कि रिजर्व बैंक और भारत सरकार शांति व सामंजस्य के साथ काम करने का तरीका तलाश कर लेंगे। डॉ. सिंह की किताब पांच भाग में है।
भारत के भाग्य में लिखा वैश्विक पावरहाउस बनना
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक बड़ा पावरहाउस बनना भारत के भाग्य में लिखा है। उन्होंने कहा, सभी बाधाओं और व्यवधानों के बावजूद भारत सही दिशा में बढ़ता रहेगा। भारत के भाग्य में है कि वह वैश्विक अर्थव्यवस्था का पावर हाउस बने।
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