आरा (बिहार) : भोजपुर जिले के संदेश थाना क्षेत्र स्थित सारिपुर सोन नद के घाट पर चिता पर जलने से बची लक्ष्मी देवी के आरोपी पति रविन्द्र ठाकुर ने गुरुवार की देर शाम संदेश थाना में थानाध्यक्ष सुदेह कुमार के समक्ष समर्पण कर दिया। समर्पण के बाद रविन्द्र ठाकुर ने अपने आपको बेगुनाह बताया और इस घटना में संलिप्त होने से साफ इंकार किया है। उसने पुलिस को बताया कि घटना के दिन 21 जनवरी को वह पटना में था और वहां वह राज मिस्त्री के रूप में मजदूरों के साथ काम कर रहा था। वह राज मिस्त्री का काम करता है। उसने पुलिस को बताया कि इस मामले में उसे और उसके परिजनों को फंसाया गया है। महिला के चिता पर जलाए जाने के प्रयास और फिर स्थानीय लोगों की सूचना पर उसकी पत्नी लक्ष्मी देवी को पुलिस द्वारा बचाए जाने और उसे संदेश रेफरल अस्पताल में भर्ती कराये जाने की सूचना उसे कुछ लोगों से मिली। वह इस घटना से अनजान है और यह कैसे हुआ इसकी जानकारी भी उसे नहीं है।
पुलिस को लक्ष्मी देवी ने जो बयान दिया है उसमें भी इस बात की आंखों देखी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है। सिर्फ यह कहा गया है कि सुबह 8 बजे वह अपने ससुराल संदेश में थी। उसकी तबीयत काफी दिनों से खराब रहती है और उसकी सास व ससुर के उकसावे पर उसका पति उसे प्रताड़ित करता है। बच्चा नहीं जनने को लेकर भी उसे मारा पीटा जाता है। लक्ष्मी देवी ने पुलिस के समक्ष दिए गए बयान में कहा है कि सुबह 8 बजे के बाद उसके साथ कब क्या हुआ उसे कुछ नहीं मालूम और फिर उसके जिंदा चिता पर जलाए जाने के प्रयास की बात सामने आई।
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