निर्मल गंगा की तरह पवित्र शिव की नगरी कशी, जहां मोक्ष पाने के लिए वृद्धावस्था में लोग अक्सर जाने की इच्छा रखते हैं। इस शहर का सबसे ज्यादा महत्व काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर है लेकिन इस मंदिर के अलावा यहां पर कई अन्य मंदिर हैं। देश विदेश में तो कई जगह यात्रा की होगी लेकिन अभी तक अगर काशी यात्रा नहीं कर पाए हैं तो यात्रा तभी पूरी होगी जब काशी दर्शन करेंगे..जानें काशी के इस खास मंदिर के विषय में। तुलसी मानस मंदिर की अपनी अलग ही खासियत है। यहां जो भी दर्शनार्थी आते हैं वो यहां के हो जाते हैं। तुलसी मानस मंदिर की सभी दीवारों पर रामचरितमानस के दोहे और चौपाइयां लिखी हैं। मान्यताओं के अनुसार वर्ष 1964 में कोलकाता के एक व्यापारी रतनलाल सुरेका ने तुलसी मानस मंदिर का निर्माण करवाया था। मंदिर का उद्घाटन भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने किया था।

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