वैसे तो इस बात को कौन नहीं जानता है कि किसान हमारे देश के अन्न दाता माने जाते है लेकिन यूपी के उन्नाव जिले में बीते शनिवार को किसानों और पुलिस के बीच छह घंटे तक भीषण संघर्ष चला. वही ट्रांसगंगा सिटी के लिए यूपीसीडा (उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण) अधिग्रहित 1144 एकड़ भूमि पर यूपीसीडा के कब्जे का विरोध कर रहे किसानों और पुलिस के बीच जमकर बवाल हुआ. किसानों की ओर से किए गए पथराव पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. किसानों ने अफसरों और पुलिस की ओर अपने सैकड़ों मवेशी भी छोड़े गए.
मिली जानकारी के अनुसार हम आपको बता दें कि पांच सौ से अधिक किसानों की भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस को पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े. पथराव में एएसपी, सीओ सिटी और एक दरोगा सहित सात पुलिस कर्मियों को चोटें आईं हैं. लाठीचार्ज और भगदड़ में 12 से अधिक किसान भी घायल हुए हैं. दो किसानों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सुबह 11 बजे शुरू हुए बवाल पर प्रशासन शाम करीब 5 बजे काबू पा पाया.
वही एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि यूपीसीडा ने भूमि पर अपना कब्जा करना शुरू कर दिया है. सदर तहसील के गंगाघाट थानाक्षेत्र के कन्हवापुर गांव में वर्ष 2002-03 में ट्रांसगंगा सिटी के लिए 1144 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था. जमीन की रजिस्ट्री भी हो चुकी है, लेकिन किसान मुआवजे को कम बताकर मौजूदा सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा देने या जमीन वापस करने की मांग कर रहे हैं. तय योजना के अनुसार यूपीसीडा को शनिवार को जमीन पर कब्जा करना चाहता था.
सूचना के आधार पर विरोध कर रहे किसानों ने जमीन कब्जा करने पर आत्महत्या करने की चेतावनी दे दी. सुबह सात बजे ही पांच सौ से अधिक किसान यूपीसीडा कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए. शासन के निर्देश पर निर्माण शुरू कराने पहुंचे पुलिस बल ने किसानों को हटाने का प्रयास किया. इस दौरान यूपीसीडा की जेसीबी ने जैसे ही भूमि खाली करानी शुरू की तभी किसान भड़क गए और जेसीबी व पुलिस के वाहनों पर पथराव शुरू कर दिया था.