बैंक कर्मचारियों के कई यूनियनों ने आठ जनवरी को दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की ओर से आहूत देशव्यापी हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है। इसके बाद ऐसा समझा जा रहा है कि बुधवार को बैंकों का कामकाज प्रभावित हो सकता है। ट्रेड यूनियनों ने नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों को श्रमिक विरोधी बताते हुए भारत बंद का आह्वान किया है। अब बैंकों के कर्मचारियों एवं अधिकारियों के इस हड़ताल में शामिल होने से बैंकिंग सेवाओं के बाधित होने की आशंका है। बैंक यूनियनों ने कर्मचारियों से चाबी एक्सेप्ट नहीं करने का आग्रह किया है। इससे हो सकता है कि कई शाखाएं बंद रहें।
इन सेवाओं पर पड़ सकता है असर
बैंककर्मियों की इस प्रस्तावित हड़ताल से सबसे ज्यादा असर ATM सेवाओं पर पड़ सकता है। इसलिए आपके लिए बेहतर होगा कि आप आजकल में जरूरी कैश निकालकर अपने पास रख लें। बैंकों की हड़ताल से चेक क्लियरेंस में भी देरी हो सकती है। दूसरी ओर इस सप्ताह दूसरे शनिवार के कारण भी बैंक बंद रहेंगे। ऐसे में लोगों को चेक क्लियर होने के लिए ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि, 16 दिसंबर से NEFT को 24×7 किये जाने के बाद पैसे के ऑनलाइन ट्रांसफर पर कोई खास असर पड़ने की उम्मीद नहीं है।
Bank of Baroda को सेवाएं प्रभावित होने की आशंका
सरकारी क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा को लगता है कि अगर यह हड़ताल हुई तो उसकी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। उसने शेयर बाजारों के समक्ष अपनी फाइलिंग में कहा है कि वह हड़ताल के दिन सुचारू तरीके से सेवाएं देने के लिए कदम उठा रहा है, फिर भी अगर हड़ताल होती है तो उसकी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं। Bank of Maharashtra और Syndicate Bank ने भी कमोबेश यही बात कही है। हालांकि, देश के सबसे बड़े बैंक SBI का मानना है कि इस हड़ताल से बैंक की सर्विसेज पर बहुत अधिक असर नहीं पड़ेगा।
इससे पहले विभिन्न श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को श्रम मंत्री संतोष गंगवार के साथ बातचीत की थी लेकिन उनकी मांगों को लेकर कोई समाधान नहीं निकल सका था।