उत्तराखंड: अनलॉक 4.0 में तेजी से बढ़ रहा है कोरोना से मौत का ग्राफ, 23 दिन में 261 मरीजों की गई जान

उत्‍तराखंड में संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच मौत का ग्राफ भी लगातार बढ़ रहा है। अनलॉक-4 में यह आंकड़ा ज्यादा तेजी से बढ़ा है। अभी सितंबर बीता भी नहीं और कोरोना संक्रमित 261 मरीज दम तोड़ चुके हैं। यह मरने वालों की कुल संख्या का 49 फीसद है। पिछले छह माह की स्थिति देखें तो अभी तक सर्वाधिक मौत अगस्त माह में हुई थी। गत माह कोरोना संक्रमित 189 मरीजों की मौत हुई थी, लेकिन इस माह मौत का भी रिकॉर्ड टूट गया है। जिस तेजी से मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है वह चिंता के साथ ही चुनौतियां भी बढ़ा रहा है।

उत्तराखंड में कोरोना का पहला मामला पंद्रह मार्च को सामने आया था, जबकि पहली मौत मई माह में हुई। इसके बाद लॉकडाउन-4 तक संक्रमितों की संख्या जरूर बढ़ी पर मरने वालों की संख्या कम ही हुई थी, लेकिन अनलॉक के पहले चरण से ही मरने वालों की संख्या में तेजी आई है। कोरोना के शुरुआती चरण में बहुत कम मरीज गंभीर स्थिति में पहुंच रहे थे। ऐसे चुनिंदा ही मरीज थे जिन्हें आइसीयू या वेंटिलेटर की जरूरत पड़ रही थी। पर अब स्थिति ठीक उलट हो चुकी है।

स्थिति ये है कि बढ़ते मामलों के बीच आइसीयू बेड तक कम पड़ गए हैं। सितंबर माह का आकलन करें तो पिछले कुछ वक्त से हर दिन औसतन 10-11 मरीजों की मौत हो रही है। चिंताजनक ये कि पिछले 23 दिन में 23893 लोग संक्रमित हो चुके हैं। ऐसे में इंतजाम भी एक-एक कर ध्वस्त होते जा रहे हैं। जिस तरह की स्थित अभी है मरने वालों की संख्या पर अभी लगाम लगती नहीं दिख रही। बल्कि हालात ये बन गए हैं कि कोरोना के साथ ही मरीज व्यवस्था से भी लड़ रहे हैं। आइसीयू की आस में उनकी सांसें उखड़ रही हैं। ऐसे में स्थिति और भयावह हो सकती है।

92 फीसद मौत मैदानी जिलों में 

प्रदेश में सबसे ज्यादा मौत चार मैदानी जिलों में हुई हैं। इनमें भी देहरादून पहले पायदान पर है। अभी तक उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित 530 मरीज दम तोड़ चुके हैं। जिनमें 92 फीसद मामले देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी व नैनीताल से हैं। 48 फीसद मौत सिर्फ जनपद देहरादून में हुई है। पर्वतीय जिलों में सर्वाधिक पंद्रह मौत पौड़ी गढ़वाल में हुई है। सिर्फ चमोली एकमात्र ऐसा जिला है जहां अभी तक एक भी मरीज की मौत नहीं हुईन है।

आइसीयू फुल, ऑक्सीजन की खपत बढ़ी 

शुरुआती चरण में जो मरीज मिल भी रहे थे, उनमें से अधिकांश बिना लक्षण वाले सामान्य किस्म के मरीज थे। कम मरीजों को ऑक्सीजन, आइसीयू और वेंटीलेटर की जरूरत पड़ रही थी। लेकिन, पिछले दो महीनों में ऐसे मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है और अब आइसीयू और वेंटीलेटर फुल चल रहे हैं। साथ ही ऑक्‍सीजन की खपत भी तीन गुना तक बढ़ गई है। जुलाई महीने के शुरू में राज्य के अस्पतालों में हर दिन दो हजार क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन की डिमांड थी जो अब बढ़कर छह हजार के करीब पहुंच गई है। बढ़ते गंभीर मरीजों की संख्या को देखते हुए अस्पतालों को ऑक्सीजन का स्टॉक बढ़ाने को भी कहा गया है।

कोरोना से मौत का आंकड़ा 

  • लॉकडाउन पूर्व (15 मार्च-24 मार्च):00
  • लॉकडाउन-1 (25 मार्च-14 अप्रैल):00
  • लॉकडाउन-2 (15 अप्रैल-03 मई):01
  • लॉकडाउन-3 (04 मई-17 मई):00
  • लॉकडाउन-4 (18 मई-31 मई):04
  • अनलॉक-1 (1 जून-30 जून):36
  • अनलॉक-2 (1 जुलाई-31 जुलाई):39
  • अनलॉक-3 (1 अगस्त-31 अगस्त):189
  • अनलॉक-4  (1 सितंबर-23 सितंबर):261

कहां कितनी मौत 

  • देहरादून-259
  • नैनीताल-98
  • हरिद्वार-79
  • ऊधमसिंहनगर-54
  • पौड़ी गढ़वाल-15
  • उत्तरकाशी-6
  • अल्मोड़ा-5
  • बागेश्वर-4
  • पिथौरागढ़-4
  • चंपावत-3
  • टिहरी गढ़वाल-2
  • रुद्रप्रयाग-1
  • चमोली-00

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com