कोरोना काल में भ्रष्टाचार का आरोप लगाना पाप के समान – योगी


लखनऊ।
राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा कोरोना काल में पीपीई किट और आक्सीमीटर की खरीद में हुए घोटाले का आरोप सरकार पर जड़ा था, इसके जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ऐसे आरोप लगाना पाप के समान है। उन्होंने कहा कि जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि होती है। इसके अलावा उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष के आचरण पर सवाल खड़े करते हुए बुधवार को कहा कि ऐसी चीजों से वे विधायिका को ‘अविश्वसनीयता’ के दायरे में खड़ा कर रहे हैं। सरकार की ओर से उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री योगी ने विधानसभा में बुधवार को कहा कि कोरोना काल में राज्य सरकार द्वारा उठाये गए कदमों को विष्व स्वास्थ्य संगठन यानि डब्ल्यूएचओ ने भी सराहा है। सरकार ने जीरो से लेकर दो लाख तक टेस्टिंग की क्षमता बढ़ाई। 26 जिलों में वेंटीलेटर नहीं थे लेकिन हर जिले में वेंटीलेटर हैं।
सरकार प्रदेष में ही पीपीई किट बनाने की 200 यूनिट स्थापित की। जहां से मात्र 250-300 रुपए में किट उपलब्ध हुई। लेकिन फिर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उप्र पहला राज्य था जिसने पहला राहत पैकेज घोषित किया। उन्होंने कहा कि व्यवस्था ऐसी की गयी थी जिसमें भ्रष्टाचार की गुंजाइष ही नहीं थी। नेता सदन ने कहा कि राज्यपाल प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख हैं। अगर सदन अपने संवैधानिक प्रमुखों का सम्मान नहीं करेगा तो लोकतांत्रिक प्रणाली के सामने स्वयं एक गंभीर संकट खड़ा होगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का अपमान इस प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख का अपमान नहीं था, बल्कि वास्तव में हम विधायिका को एक अविश्वसनीयता के दायरे में खड़ा कर रहे हैं। जनता हमें संदेह की नजरों से इसीलिए देखती है क्योंकि हममें से हर व्यक्ति कहीं ना कहीं उस दायरे में आ जाता है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल महोदया एक संवैधानिक प्रमुख होने के साथ-साथ महिला भी हैं। कम से कम महिला के नाते तो सम्मान कर लेते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी हमारी इस विधायिका को लोग यह न मान लें कि यह ड्रामा कंपनी है। कोई लाल टोपी, कोई नीली टोपी, कोई पीली टोपी, कोई हरी टोपी पहन कर आ गया है। एक नई परिपाटी शुरू हो गई है। ऐसा तो कभी नहीं होता था। ड्रामा पार्टी में ही हम लोग यह सब देखते थे। उन्होंने एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि एक बार मैं बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल में गया था, वहां एक बच्चे को अन्नप्राशन कराने के दौरान एक पार्टी के कुछ लोग विरोध करने पहुंच गए। उन्होंने टोपी पहनी थी। तभी उस महिला के साथ खड़े ढाई साल के बच्चे ने कहा कि मम्मी वह देखो गुंडा गुंडा। अब आप देखिए कि दो-ढाई साल के एक बच्चे के मन में टोपी पहनकर आने वाले व्यक्ति के बारे में क्या धारणा है। यह धारणा सामान्य रूप से बन चुकी है। उन्होंने अपील की कि सदन का कोई भी सदस्य इसे व्यक्तिगत आक्षेप न समझे। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष से अपील करूंगा। आप पगड़ी पहन कर आते, गांव का साफा पहन कर आते तो अच्छा लगता। आप तो वास्तव में उस यथार्थवादी परंपरा के बहुत सशक्त हस्ताक्षर रहे हैं जिसने समाजवादी आंदोलन को ईमानदारी से आगे बढ़ाने का कार्य किया था। आप लोगों को इस प्रकार की चीजों से परहेज करना चाहिए।
विपक्ष की तरफ इशारा करते हुए योगी ने कहा कि क्या यह प्रदेश सिर्फ सत्ता पक्ष का ही है… क्या यह आपका नहीं है? यहां राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो के आंकड़ों को तोड़-मरोड़ कर कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक अपराध हो रहे हैं। ऐसा करके हम देश और दुनिया को क्या संदेश दे रहे हैं। अपने भाषण में उन्होंने कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर जमकर निषाना साधा। वहीं उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह का नाम लिए बिना उनके ऊपर कटाक्ष किया।

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