कांग्रेस-लेफ्ट का 10 को भारत बंद, इन मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे

दलित और सवर्णों के मुद्दे पर पहले से घिरी मोदी सरकार के लिए विपक्षी दलों ने और भी परेशानी खड़ी करने की रणनीति बनाई है. पहले दलितों फिर सवर्णों और अब विपक्ष दलों ने मोदी सरकार को घेरने के लिए ‘भारत बंद’ का ऐलान किया है.

राफेल डील और पेट्रोल-डीजल में हो रही बढ़ती कीमतों जैसे मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने 10 सितंबर को देशव्यापी आंदोलन करने का फैसला किया है. वहीं, वामपंथी दल भी किसानों के मुद्दे पर 10 सितंबर को देश भर में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे.

यह ‘भारत बंद’ सुबह 9 बजे से दिन में 3 बजे तक जारी रहेगा. कांग्रेस ने विपक्ष के तमाम दलों से मोदी सरकार को घेरने के लिए सहयोग मांगा है. गुरुवार को पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर निर्णय लिया है कि राफेल मुद्दे पर विरोध करने के साथ-साथ महंगाई, पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार हो रहे इजाफे के खिलाफ देश भर की सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने का फैसला किया है.

राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान में पहुंच गई हैं और सरकार चुप है. ऐसे में हम राष्ट्रव्यापी विरोध करेंगे और राजस्थान में भी इस मुद्दे को उठाएंगे.

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कीमतें कम होने के बावजूद देश में तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. डॉलर के मुकाबले रुपया 72 के पार चला गया. सरकार खामोश है.

सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने पिछले साढ़े चार साल में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर करीब 11 लाख करोड़ रुपये कमाया, वो किसकी जेब में गया, सरकार आज तक इसका जवाब नहीं दे पाई.

एक आरटीआई का हवाला देते हुए सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि 29 ऐसे देश हैं जहां मोदी सरकार 34 रुपया और 37 रुपया प्रति लीटर के हिसाब से तेल बेच रही है. उन्होंने कहा पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार केंद्र सरकार से पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की बात कह रहे हैं जिससे आमजनों को 10 से 15 रुपये की राहत मिलेगी. लेकिन सरकार की कोई फैसला नहीं ले रही है.

सुरजेवाला ने सरकार पर 11 लाख करोड़ की तेल लूट का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ व्यापक जन आंदोलन की बात की.  उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस ने सत्ता छोड़ी थी तब गैस सिलेंडर का दाम करीब 400 रुपये था, जो आज बढ़कर 800 रुपये के करीब पहुंच चुका है.

कांग्रेस ने 10 सितंबर को भारत बंद के लिए सभी विपक्षी दलों से सहयोग मांगा है. विपक्ष के कई दलों के नेता एक साथ सड़क पर उतर सकते हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि टीएमसी विरोध में शामिल होने के लिए तैयार है, लेकिन बंगाल में भारत बंद नहीं होगा. कांग्रेस ने बसपा से भी सहयोग मांगा है.

वामपंथी दलों ने कहा है कि पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती कीमतों से करोड़ों भारतीयों की आजीविका प्रभावित हो रही है और उन्होंने इसके विरोध में सोमवार, 10 सितंबर को अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया.

सीपीएम ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार लोगों पर अभूतपूर्व आर्थिक बोझ डाल रही है. बयान में कहा गया है कि किसान पहले से ही परेशान हैं और इस बढ़ोतरी के चलते सभी क्षेत्रों पर असर पड़ रहा है. यह आर्थिक मंदी को सहयोग कर रहा है. नए रोजगार पैदा करने के बदले यह मौजूदा रोजगार को भी कम कर रहा है.

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