विन्ध्यवासिनी धाम के दान पात्रों से मिले 23 लाख से अधिक रुपये

मीरजापुर :  विंध्यवासिनी मंदिर में लगे दान पात्रों में से 23 लाख 18 हजार 845 रुपये मिले। रात भर की गिनती के बाद इस रकम की घोषणा की गई। पूरी राशि को विंध्य विकास परिषद के अध्यक्ष जिलाधिकारी के खाते में जमा किया गया। सोमवार की सुबह 10 बजे दान पात्रों को गिनती के लिए खोला गया। नायब तहसीलदार उमेश चंद्र एवं श्री विन्ध्य पंडा समाज अध्यक्ष पंकज द्विवेदी एवं मंत्री भानु पाठक की देखरेख में विंध्यवासिनी मंदिर में लगे दान पात्रों की गिनती प्रशासनिक भवन में विडियो ग्राफी के बीच की हुई। इससे पहले पिछले वर्ष 10 अक्टूबर को विंध्यवासिनी मंदिर परिसर में लगी दान पेटीका खोली गई थी। कोरोना काल में सबसे कम दान पेटीका में श्रद्धालुओं ने दान की थी। जबकि मां विंध्यवासिनी मंदिर का कपाट 100 दिन तक लगातार बंद किया गया था। मंदिर खुलने के बाद 10 अक्टूबर को दान पेटिका को खोला गया था, जिसमें 12 लाख 76 हजार 550 रुपये की गणना हुई थी।

इसके छह माह बाद सोमवार को फिर से छह दान पात्रों से 23 लाख 18 हजार 845 रुपया प्राप्त हुआ, जिसको विंध्य विकास परिषद के अध्यक्ष जिलाधिकारी के खाते में जमा किया गया। सोमवार सुबह से छह दान पेटिका तथा काली खोह मंदिर में स्थित एक व अष्टभुजा पहाड़ स्थित मां अष्टभुजी देवी के मंदिर में लगे एक दान पात्र को खोला गया। सभी की गिनती शुरू हुई। जो देर रात्रि तक पूरी हुई। दान पात्रों 23 लाख 18 हजार 845 रुपया निकाला। दान पात्र से निकले रुपयों को विंध्य विकास परिषद के भारतीय स्टेट बैंक शाखा विंध्याचल में जमा किया गया। गिनती तहसील सदर के कर्मचारियों से कराई गई।

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