समकालीन चुनौतियाँ और समाधान विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस समाप्त

  • महर्षि सूचना एवं तकनीकी विश्वविद्यालय
  • फ़ैमिली लॉ पर हुई कांफ्रेंस की संस्तुतियाँ सरकार को भेजी जाएंगी

नोएडा। महर्षि सूचना एवं तकनीकी विश्वविद्यालय की ओर से पारिवारिक कानून: समकालीन चुनौतियाँ और समाधान विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के निष्कर्ष एवं संस्तुतियाँ भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार को भेजी जाएंगी। इस कांफ्रेंस में शादी, भरण-पोषण, दत्तक ग्रहण, घरेलू हिंसा, कोविड 19 का परिवार पर प्रभाव आदि पर महत्वपूर्ण सुझाव और संस्तुतियाँ आयी हैं।

दो दिवसीय कार्यक्रम में प्रस्तुत 85 शोध पत्रों में से ज्यूरी ने यूएसए की सुश्री श्रेययोशी और सुश्री जेनिफर घोषरे को सर्वोत्तम शोध पत्र के लिए प्रथम, एडी बोरा मेमोरियल वूमेन कॉलेज, जोधपुर की डॉ त्रविना व्यास के शोध पत्र को दूसरा तथा रमा यूनिवर्सिटी कानपुर की सुश्री अनुपमा सिंह एवं डॉ प्रवीण कुमार माल के शोध पत्र को तृतीय पुरस्कार देने की घोषणा की।

समापन समारोह के मुख्य अतिथि नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी भोपाल के कुलपति प्रो. वी. विजय कुमार ने संविधान, प्रशासनिक तथा ट्रांसपेरेंसी एवं एकाउंटबिलिटी के आलोक में पारिवारिक मसलों एवं कानून में सुधार पर बल दिया। उन्होंने कहा कि नयी सोच तथा कोविड-19 जैसे आपात हालात से निपटने के लिए कुछ जरूरी उपाय सरकार को अवश्य करना होगा। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व को हेग कन्वेंशन को लागू करने के लिए विचार करना चाहिए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट, अलग-अलग हाईकोर्ट के अनेक उदाहरण के जरिये पारिवारिक मामलों की दिक्कतों को समझाने और उनके निराकरण के दृष्टांत गिनाये।

डॉ कुमार ने कहा कि सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (कारा) और स्टेट एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (सारा) को अपनी भूमिका को और प्रभावी बनाना होगा।

कुलाधिपति श्री अजय प्रकाश श्रीवास्तव ने इस महत्वपूर्ण कांफ्रेंस के लिए महर्षि लॉ स्कूल के डीन प्रो केबी अस्थाना और उनकी पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि परिवार ही इस दुनिया की सबसे छोटी इकाई है और इसकी रक्षा-सुरक्षा के लिए कानूनविदों समेत समाज के सभी हिस्सों को अपनी सकारात्मक भूमिका अदा करनी होगी।

कुलपति प्रो बीपी सिंह ने परिवार के महत्व को रेखांकित करते हुए दो दिन तक चले इस आयोजन पर खुशी का इज़हार किया। उन्होंने सभी पैनलिस्ट, एकेडमिशियन्स, एडवोकेट्स, शोधार्थियों एवं विश्वविद्यालय टीम की सराहना की।

डीन एकेडमिक्स अजय कुमार ने अपने संबोधन में पारिवारिक मामलों और इनसे जुड़े कानूनों के कई व्यावहारिक पहलुओं की चर्चा की।

महर्षि लॉ स्कूल के डीन प्रो केबी अस्थाना ने बताया कि दो दिन में कुल सात सत्रों में 85 शोध पत्र पेश किए गए। उन्होंने सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने दुनिया भर के कई देशों से शामिल लोगों का विशेष आभार जताया।

समापन सत्र में ही कुलाधिपति श्री अजय प्रकाश श्रीवास्तव ने सभी वालंटियर्स स्टूडेंट्स को प्रशस्ति पत्र तथा प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com