
लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने रविवार को कहा कि समाजवादी पार्टी में जहां परिवार ही पार्टी तथा सरकार रही हो, उसके प्रमुख अखिलेश यादव का लोकतांत्रिक मूल्यों की दुहाई शोभा नहीं देता है। सिंह ने कहा कि कोरोना काल में अपने घरों में बैठकर सोशल मीडिया पर झूठ और भ्रम फैला कर प्रदेशवासियों को डराने वाले लोग आपदा के समय जनता से दूर रहे। अब जब वे पंचायत चुनावों में भी करारी हार के करीब हैं तो अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं। कहा कि सपा की कार्य संस्कृति अराजकता, गुण्डागर्दी, राजनीतिक अपराधीकरण तथा भ्रष्टाचार की रही है। उसके राजनीतिक मूल्यों में जातिवाद, परिवारवाद तथा तुष्टीकरण समाहित है। उन्होंने निजी हितों की पूर्ति के लिए संवैधानिक संस्थाओं पर भी हमला करने में तनिक संकोच नहीं किया। अब जब वही संस्थाएं संविधान की परिधि में काम कर रही हैं तो आज सपा प्रमुख विचलित हो रहे हैं।
सिंह ने कहा कि जब कोरोना की विभीषिका थी तब भाजपा कार्यकर्ता जमीन पर आम लोगों की मदद के लिए अपने तन-मन-धन से जुटे थे। तब समाजवादी कार्यकर्ता या उनकी पार्टी के नेता अपने घरों में थे। हमारी सेवा की संस्कृति का ही परिणाम है कि विपक्षी धड़े में सामाजिक दबाव के कारण भगदड़ मची है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अखिलेश यादव ने हार स्वीकार कर ली है और जवाबदेही से बचने के लिए अपने जिलाध्यक्षों पर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं। समाजवादी पार्टी 2014 से चुनाव दर चुनाव लगातार हार का सामना कर रही है। इसके बावजूद अखिलेश जी अभी वर्क फ्रॉम होम में ही बिजी हैं।
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