हंगामे की भेंट चढ़ा संसद का पहला दिन

हंगामे की भेंट चढ़ा संसद का पहला दिन

नयी दिल्ली। मानसून सत्र के पहले दिन आज विपक्षी दलों ने किसानों से जुड़े मसलों, महँगाई और अन्य मुद्दों पर जमकर हँगामा किया जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद तथा राज्यसभा की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगति करनी पड़ी। इस दौरान लोकसभा में कोई विधायी कामकाज नहीं हो सका। किसानों से जुड़े मुद्दों, पेट्रोल-डीजल की महँगाई तथा अन्य मसलों पर विपक्षी दलों के जोरदार हँगामे के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नये बने मंत्रियों का सदन से परिचय भी नहीं करा सके।

राज्यसभा में मंत्रिपरिषद् में हाल ही में शामिल एक नये मंत्री की नागरिकता को लेकर विपक्षी सदस्यों की टिप्पणी पर भी हँगामा हुआ। हँगामे और शोर-शराबे के बीच ही नाैचालन के लिए सामुद्रिक सहायता विधेयक 2021 पेश किया गया और इस पर थोड़ी देर चर्चा भी हुई जो अधूरी रही। लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होने के बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने चार नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई। इसके बाद सदन ने 17वीं तथा पिछली लोकसभाओं के उन सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जो हाल के दिनों में दिवंगत हुये हैं। इसके बार प्रधानमंत्री नये मंत्रियों का परिचय कराने के लिए खड़े हुये लेकिन विपक्ष के हँगामे के कारण वे अपनी बात नहीं कह सके। अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

किसानों, महंगाई, पेट्रोल डीजल के दामों को लेकर विपक्ष के हंगामे को लेकर लोकसभा की कार्यवाही लगातार दूसरी बार डेढ़ घंटे के लिए स्थगित कर दी गयी। अपराह्न दो बजे कार्यवाही दुबारा शुरू होने पर एक बार फिर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) आदि विपक्षी दलों के सदस्य हाथों में तख्तियाँ लिये अध्यक्ष के आसन के करीब जमा हो गये और नारेबाजी करने लगे। उन तख्तियों में किसानों, पेट्रोल डीजल के दामों, महँगाई को लेकर नारे लिखे हुए थे। पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर बैठने और सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की लेकिन सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ। इस पर उन्होंने अपराह्न साढ़े तीन बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा कर दी।

अपराह्न साढ़े तीन बजे भी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम, शिरोमणि अकाली दल एवं वामदलों के सदस्यों ने आसन के आसपास जमा होकर नारेबाजी शुरू कर दी। अध्यक्ष श्री बिरला ने सदस्यों से अपनी-अपनी सीट पर बैठने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि उन्हें हर विषय और मुद्दे पर चर्चा करने का पर्याप्त अवसर दिया जायेगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भी कहा कि वह सदन को पुन: आश्वस्त करना चाहते हैं कि सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है।

इस दौरान संचार, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शोरशराबे के बीच ही इजरायली सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके राजनीतिज्ञों, पत्रकारों एवं अन्य महत्वपूर्ण हस्तियों की जासूसी कराने के आरोपों से संबंधित मीडिया रिपोर्ट पर एक बयान पढ़कर सरकार की स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने रिपोर्ट का खंडन करते हुये कहा कि इस सनसनी के पीछे जो भी कारण हो, पर कोई भी तथ्य नहीं है। भारत में स्थापित प्रोटाेकोल के कारण अवैध रूप से किसी की जासूसी या निगरानी करना संभव नहीं है। विपक्षी दलों का हँगामा कम नहीं होता देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

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