ईद-उल-अजहा पर बाजारों में उमड़ी भीड़, जमकर हुई खरीदारी

ईदगाहों में कोवडि नयिमों के तहत अदा होगी ईद-उल-अजहा की नमाज, 50 लोग ही होंगे शामिल

सुरेश गांधी

वाराणसी। त्याग और समर्पण का पर्व ईद उल अजहा यानी बकरीद बुधवार को मनाया जायेगा। त्योहार को लेकर मंगलवार को बाजारों में लोगों की भीड़ उमड़ी। शहर से लेकर देहात तक के प्रमुख बाजारों में कोरोना वायरस के खौफ से अनजान मुस्लिम बंधुओं ने जमकर खरीदारी की। कपड़ों समेत घरेलू सामान खरीदने के लिए लोग बाजार में नजर आए। खरीदारी के वक्त शारीरिक दूरी का पालन होता दिखाई नहीं दिया। हर चैक-चैराहों पर जानवरों का मेला दिखा। देर रात तक बकरों की खरीद फरोख्त होती रही। इसके चलते मुस्लिम इलाकों में चहल-पहल का माहौल रहा। बाजार बकरों से अटे रहे। सुरक्षा के चलते फोर्स ने गश्त किया। ईद-उल-अजहा पर कोवडि-19 नयिमों का पालन करते हुए ईदगाहों में नमाज अदा होगी। शासन की ओर से इमाम-मोअज्जनि सहति 50 लोगों को ही नमाज अदा करने की अनुमति होगी। इसे लेकर धर्मगुरुओं व कमेटी की ओर से जहां लोगों को जागरुक किया गया। मस्जिदों व कोरोना संक्रमण को देखते हुए बड़ी संख्या में लोगों ने घरों में बकरीद की विशेष नमाज अदा करने का फैसला किया है। निर्धारित समय में इसे पूरा किया जाएगा। साथ ही बकरों की कुर्बानी दी जाएगी। इसके लिए भी सभी तैयारियों में व्यस्त रहे। महंगाई के बाद भी लोग अपने सामथ्र्य के अनुसार खरीदारी करने जुटे हुए हैं। खाने-पीने की चीजों की भी खूब खरीदारी करते दिख रहे हैं।

बाजार में बैरियर लगाकर ई-रिक्शा और दुपहिया वाहनों का प्रवेश को रोका गया। लेकिन इसका असर नहीं रहा। महिलाओं, युवतियों व बच्चों ने कपड़े, जूते व साज-सज्जा का सामान खरीदा। सूखे मेवा और खाद्य वस्तुएं भी खरीदीं। लोग इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं। बाजार में कपड़े-चप्पल, जूते इत्यादि सामान की खरीदारी करने पहुंच रहे हैं। कपड़ों की दुकान में पजामा-कुर्ता की विशेष मांग बनी रही। वहीं बच्चों के लिए रंगीन कुर्ते, पाजामा भी लोगों ने खरीदा। रेडीमेड व अन्य दुकानों पर लेडीज सूट की भी खूब बिक्री हुई। महिलाएं व युवतियां अपनी-अपनी पसंद के सूट खरीदने में व्यस्त दिखे। मस्जिदों-ईदगाहों के आसपास सफाईं व्यवस्था को दुरुस्त किया गया। वहीं बड़ी बाजार, पीलीकोठी, नक्खीघाट, सरैंया, पुरानापुल, कोयला बाजार, बजरडीहा, लोहता, मदनपुरा, रेवड़ी तालाब आदि क्षेत्र के छोटे-छोटे बाजारों में इटावा, मैनपुरी, कानपुर, बहराइच, मऊ, गोरखपुर, कन्नौज, फतेहपुर सहित पश्चिमी यूपी के बरबरी (देशी नस्ल) के बकरों की भरमार है, जिनकी कीमत आठ-दस हजार से शुरू हो रही है। तोतापरी, अजमेरी, जमुनापारी के साथ ही बिक्री के लिए भेड़ पहुंची हैं। अच्छी नस्ल व कद-काठी वाले बकरों की कीमत 30 से 40 हजार रुपये तो भेड़ों की कीमत 15 से 35 हजार रुपये लगाई जा रही है।

कुरबानी जरूर करें, लेकिन ध्यान रहे किसी का भी दिल न टूटे

ईद को लेकर पुलिस और प्रशासन सर्तक रहा। फोर्स ने बाजारों में पैदल गश्त किया। नगर निगम की ओर से मेयर मृदुला जायसवाल ने साफ-सफाई व जलापूर्ति के विशेष ध्यान देने को निर्देशित किया। पुलिस फोर्स को सिविल वर्दी में तैनात किया गया। मौलवियों ने कहा है कि हमें बकरीद आपसी भाईचारा और सद्भाव के साथ मनाना चाहिए। हमारी किसी भी अमल से किसी को तकलीफ न पहुंचे, किसी का दिल न टूटे, यह खास ख्याल रखना है। किसी को कष्ट नहीं पहुंचे, ध्यान रखें। गरीबों और वंचितों का खास ख्याल रखना है। पूरी जिम्मेदारी के साथ इसे निभाना है। इस्लाम में पाकी और सफाई को ईमान का हिस्सा कहा गया है। नबी अकरम (सल्ल.) ने रास्ते से तकलीफदेह चीजों को हटाने को कहा है। इसपर अमल करना भी ईमान है।

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