शहादत दिवस के रूप मनायी गयी वीरांगना फूलन देवी की 20वीं पुण्यतिथि

शहादत दिवस के रूप मनायी गयी वीरांगना फूलन देवी की 20वीं पुण्यतिथि

लखनऊ। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय कुमार रविवार को उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में बहन वीरांगना फूलन देवी की 20वीं पुण्यतिथि को शहादत दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया है। डा. संजय निषाद जी ने कहा कि बहन वीरांगना फूलन देवी का यूपी के जालौन जनपद के एक छोटे से गाँव गोरहा में जन्म हुआ था। फूलन के पिता एक मल्लाह थे। फूलन देवी की शादी 11 साल की उम्र में ही कर दी गई थी। उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों में निषाद पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता, सभी प्रकोष्ठों के अध्यक्ष, मेन बॉडी, युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, लाल गुलाबी सेना, मुलवासी सेना, निषाद सेना, फूलन सेना, राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद एवं मछुआ समुदाय, अन्य जाति के प्रकोष्ठों, अधिवक्ता संघ, कर्मचारी संघ, छात्र मोर्चा एवं समाजिक संगठन के सभी पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

डा. निषाद ने बहन वीरांगना फूलन देवी के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि मुझे आज भी याद है बहन वीरांगना फूलन देवी जी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि जब मेरे साथ दुराचार हुआ तो कई बार मेरे मन में आत्महत्या करने का विचार आया परन्तु फिर मैंने सोचा अगर मैं ही आत्महत्या कर लुंगी तो इन दुराचारियों का इंसाफ कौन करेगा, जिसके बाद बहन वीरांगना फूलन देवी ने हथियार उठाया और समाज से उन दुराचारियों को साफ करने का बीड़ा उठाया। डा. संजय निषाद ने कहा की “मन के हारे हार है, मन के जीते जीत“ अर्थात जीवन में जय और पराजय केवल मन के भाव हैं। यानी जब हम किसी कार्य के शुरू में ही हार मान लेते हैं कि हम सचमुच में ही हार जाते हैं। लेकिन अपनी मंजिल के लिए जब जूझते हैं, बार-बार गिर कर खड़े होते हैं तो हमारा आत्मविश्वास कई गुना बढ़ जाता है और इसी खाई को पाटने के लिए राज्य में निषाद पार्टी की सरकार बनने के साथ ही सबसे पहले माननीय बहन वीरांगना फूलन देवी को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए उनकी स्मृति में बहन वीरांगना फूलन देवी महिला सेल्फ डिफेंस केंद्र की शुरुआत की जाएगी।

डा. निषाद ने कहा की आज भी कई राजनीतिक शक्तियां देश-प्रदेश में निषाद समाज को बांटने का कार्य कर रही है परंतु इन शक्तियों को यह नहीं पता है कि निषाद समाज ने अपना नेता,अपनी पार्टी,अपना झंड़ा,अपनी टोपी का चयन कर लिया है और इसी का परिणाम है कि 2018 में हुए विधानसभा के उपचुनाव में गोरखपुर, कैराना, नुरपुर और फूलपुर जीत दर्ज करवा कर मौजूदा सरकार से उनका गढ़ छीनने का काम किया था। ठीक उसी प्रकार जब निषाद समाज की निषाद पार्टी के साथ समाजवादी पार्टी ने वादाखिलाफी और छल किया तो मात्र 14 दिन में संतकबीर नगर लोकसभा से ई. प्रवीण निषाद जी को सपा-बसपा के गढ़ में निषाद समाज ने जीत दर्ज करवाकर दिल्ली भेजने का काम किया साथ ही बीजेपी को 65 सीटों पर सीधे तौर पर फायदा पहुंचाने का काम कर देश की सबसे बड़ी अदालत में मजबूत करने का काम किया। समाज को आज भी समाज के कई दबंग व्यक्ति दबाने का काम कर रहे हैं, पूर्व की सरकारों सपा, बसपा, कांग्रेस ने भी निषाद समाज के साथ धोखा, दुराचार और अत्याचार की पराकाष्ठा को पार किया था, जिसके बाद दबे कुचले समझे जाने वाले निषाद समाज ने एक जुटता का परिचय देते हुए इन सरकारों को उखाड़ फेंकने का काम किया है।

मौजूदा राजनीतिक हालात पर डा. निषाद ने कहा कि पूर्व की सरकारों द्वारा निषाद समाज के साथ छल किया गया है। मझवार आरक्षण से लेकर पुश्तैनी काम-काज, ताल, घाट, बालू एवं मछली पालन तक पर से अधिकार विहीन कर दिया गया है। ऐसे में निषाद पार्टी द्वारा भाजपा के साथ 2019 में जाने का फैसला किया ताकि केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार होगी तो मुद्दे जल्द हल हो जाएंगे। मौजूदा स्थिति में बीजेपी की राज्य सरकार द्वारा इन मुद्दों पर बातचीत जारी है। निषाद पार्टी को पूर्ण विश्वास है कि राज्य की योगी सरकार मछुआरों के हित का कार्य करेगी।
डा. निषाद ने अंत मे अपने निषाद समाज की पीड़ा बताते हुए कहा कि ऐसा कोई दिन नही कि जिस दिन हजार से अधिक पुलिसया और प्रशासनिक प्रताड़ना के मामलों को लेकर फोन आता है।

निषाद पार्टी निषादों की पार्टी है, जब तक निषाद समाज की आखों से आंसू निकलेंगे कोई भी राजनीतिक दल खुश नही रह पाएगा।आज के दिन सभी लोगों को यह संकल्प लेना होगा कि जिस तरह से वीरांगना बहन फूलन देवी ने अन्याइयों, अत्याचारियों,सामंतवादियों से बदला लिया था उसी तरह निषाद पार्टी के सभी कार्यकर्ता,पदाधिकारी,महिला मोर्चा के लोग अत्याचारियों,अन्याइयों,सामंतवादियों को ईंट का जवाब पत्थर से देने का कार्य करेंगे। वीरांगना फूलन देवी-अमर रहें।

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