
नई दिल्ली। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि सुधार में कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) की अहम् भूमिका रही है। तोमर ने सोमवार को मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ स्थित कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) की 28वीं क्षेत्रीय कार्यशाला का वर्चुअल उद्घाटन करते हुए कहा कि कोरोना के संकटकाल में भी केवीके के वैज्ञानिक, सूचना-संचार तकनीकों व कृषि विभाग के साथ मिलकर किसानों को उचित तकनीकों से लाभ पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पशु धन व मछली पालन के विकास के लिए भी केवीके पूरे जज्बे के साथ कार्य कर रहे हैं और कृषि व सभी सम्बद्ध क्षेत्रों की सतत प्रगति व किसानों की आय बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। तोमर ने कहा कि वर्तमान में 723 केवीके, आईसीएआर की इकाइयों, गैर सरकारी संस्थानों व राज्य कृषि विश्वविद्यालयों की ओर से चलाए जा रहे हैं, जिनसे किसानों को बहुत मदद मिल रही है।
उन्होंने कहा कि खेती-किसानी की प्रगति में मृदा स्वास्थ्य का अहम् योगदान होता है और खुशी की बात है केवीके ने किसानों को मृदा परीक्षण के संबंध में कार्ड वितरित कर फसलों के अनुरूप पोषक तत्वों के उपयोग की सलाह, प्रदर्शन व प्रशिक्षण देते रहे हैं। जिससे उन्हें लाभ हो रहा है।
तोमर ने कहा कि देशभर में गांव-गांव अधोसंरचना विकसित करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड सहित आत्मनिर्भर भारत अभियान में कुल डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक के पैकेज शुरू किए गए हैं। इसी तरह, 6,850 करोड़ रु. के खर्च से 10 हजार नए एफपीओ के गठन की स्कीम व किसानों के सशक्तिकरण के लिए नए कृषि सुधार कानून जैसे ठोस कदम खेती को समृद्धता देने वाले हैं। तोमर ने कहा कि 86 प्रतिशत छोटे-मझौले किसान इनके माध्यम से और मजबूत होंगे, जिससे देश की भी ताकत बढ़ेगी।
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