तेजप्रताप का अब पार्टी में समान्य विधायक की हैसियत

पटना छात्र राजद के अध्यक्ष में बदलाव होते ही राजद में लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव का प्रताप खत्म हो गया है। तेजप्रताप पार्टी की छात्र इकाई के सर्वेसर्वा थे। उन्हें यह जिम्मेवारी खुद लालू प्रसाद यादव ने दी थी। लालू यादव ने तेजप्रताप को कहा था कि वह कृष्ण बन जाये और तेजस्वी को अर्जुन बनाकर जीत दिलाये। पार्टी में तेजप्रताप का रूतबा रहे इसलिए छात्र राजद का जिम्मा पूरी तरह से उन्हें सौंप दिया गया था लेकिन तेजप्रताप इसे भी नहीं संभाल पाये। छात्र जदयू में उनकी मनमानी ने उन्हें पार्टी में कही का नहीं छोड़ा। तेजप्रताप छात्र राजद का अध्यक्ष बनाते थे, जब मर्जी तब कार्यक्रम और सम्मेलन करते थे लेकिन बुधवार को उनका ये अधिकार एक झटके में तब खत्म हो गया जब पिछले दिनों छात्र जदयू के बैठक में तेजप्रताप की ओर से अपमानित किये गये राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पार्टी कार्यालय अचानक पहुंचे और मीडियाकर्मियों को एक चिट्ठी पकड़ा दिया । जिसमें लिखा था अब छात्र राजद के अध्यक्ष गगन कुमार होंगे। अब तक जो आकाश कुमार खुद को छात्र राजद का अध्यक्ष बता कर होर्डिंग बैनर लगा रहे थे, सभा मीटिंग कर रहे थे, उन्हें जगदानंद सिंह ने स्वयंभू अध्यक्ष करार दिया।

जगदानंद सिंह ने कहा कि उन्होंने तो अब तक किसी को छात्र राजद का अध्यक्ष बनाया ही नहीं था। होर्डिंग.बैनर लगाने से कोई अध्यक्ष थोड़े बन जाता है। राजद के सभी नेता और कार्यकता जानते है कि खुद को छात्र राजद का अध्यक्ष बताने वाला आकाश यादव कौन है। लोग उसे तेजप्रताप यादव का साया मानते हैं। ऐसा कर जगदानंद सिंह ने सीधे तौर पर तेजप्रताप के प्रताप को ही पार्टी से खत्म कर दिया।

राजनीतिक जानकारी बताते है कि इस फैसले से एक पंत दो काज हुए है क्योंकि पार्टी से तेजप्रताप को हटाना बहुत मुश्किल था क्योंकि इस बात के लिए न तो लालू प्रसाद तैयार होते और न ही राबड़ी देवी। इसलिए उक्त निर्णय लिया गया। अंदर खाने से यह भी बात सामने आ रही है कि भले ही इस फैसले का ऐलान जगदानंद बाबू ने किया हो लेकिन निर्णय तेजस्वी का है क्योंकि रूठे हुए जगदानंद तेजस्वी के मान मनवल पर बुधवार को पाटी कार्यालय आये और कहा कि यदि तेजप्रताप छात्र राजद में रहेंगे तो वह पार्टी से इस्तीफा दे देंगे। लाचारी में तेजस्वी यह निर्णय लिया कि आकाश यादव को छात्र राजद के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया।

पार्टी के जानकारों के अनुसार पिछले महीनें जब राजद के स्थापना दिवस समारोह में ही तेजप्रताप यादव ने मर्यादा की सीमायें लांघ दी थी तो नाराज तेजस्वी ने लालू यादव से बात की थी, तब लालू ने भरोसा दिलाया था कि मैं तेजप्रताप को समझाउंगा। अगली बार ऐसे वाकये की पुनरावृति नहीं होगी।लालू ने तेजप्रताप यादव को बुलाकर समझाया भी था लेकिन उसका असर ये हुआ कि उनके तेज ने फिर से जगदानंद सिंह को जलील कर दिया।

जगदानंद बाबू की ओर से लिये गये फैसले के बाद तेजप्रताप किस तरह का कदम उठायेगें, ये तो आगे वक्त ही बतायेगा क्यों कि तेजप्रताप कभी चुप नहीं बैठने वाले। उन्होंने फैसला सुनाने के बाद बुधवार की रात ट्वीट किया जिससे साफ पता चलता है कि तेजप्रताप को पता है कि ये सव किसके इशारे पर हो रहा है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है-प्रवासी सलाहकार से सलाह लेने में अध्यक्ष जी ये भूल गये कि पार्टी संविधान से चलता हे और राजद का संविधान कहता है कि बिना नोटिस दिये आप पार्टी के कसी भी अधिकारी को पदमुक्त नहीं कर सकते।आज जो हुआ वह राजद के संविधान के खिलाफ हुआ है। तेजप्रताप को जानने वाले बताते हैं कि वे चुप बैठने वाले नहीं हैं लेकिन वे क्या करेंगे इसे भी बता पाना किसी के लिए मुमकिन नहीं हैं।

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