पाकिस्तान से होने वाली घुसपैठ पर लगाम लगाने के लिए बॉर्डर सेक्युरिटी फोर्स (BSF) ने जमीन आसमान ,नदी नाले, जंगलों और जमीनी सुरंग पर नज़र रखने के लिए CIBMS यानी कॉम्प्रिहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम का जाल बिछाना शुरू कर दिया है, जो सीमापार से होने वाले घुसपैठ पर पैनी नजर रखेगा.
भारत-पाक सीमा के सबसे खतरनाक इलाके जम्मू और कश्मीर जहां पर ऊंची-ऊंची पहाड़िया, नदी- नाले और बीहड़ जैसे खतरनाक इलाके है, इन इलाकों के जरिए आतंकी घुसपैठ करने की कोशिश में हमेशा रहते है. ‘आजतक’ को खूफिया सूत्रों ने जानकारी दी है कि जम्मू के इंटरनेशनल बॉर्डर पर 3 बड़ी नदिया और 11 ऐसे नाले हैं जहां से आतंकी घुसपैठ कराने के लिए पाक ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई तैयार रहती है. सूत्रों के मुताबिक जम्मू के उस पार पाकिस्तान में आधा दर्जन के आसपास लॉन्च पैड हैं जहां से आतंकी हमेशा घुसपैठ की कोशिश करते हैं, एक जानकारी के मुताबिक सीमा के उसपार मसरूर बड़ा भाई एक ऐसा ही खतरनाक आतंकियों का लॉन्चिंग पैड है जिसका हमेशा पाक इस्तेमाल करता है. लेकिन अब पाक की घुसपैठ वाली चाल को खत्म करने के लिए बॉर्डर सेक्युरिटी फोर्स ने सरहद पर ऐसे टेक्निकल सर्विलांस का जाल बिछाना शुरू कर दिया है जो आतंकियो की घुसपैठ की हर एक चाल पर नज़र रखेंगी.
BSF द्वारा CIBMS के तहत आसमान पर नज़र रखने के लिए एरोस्टेट बैलून के साथ ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. यही नहीं आतंकियों पर नजर रखने के लिए UK से एक ऐसा रडार मंगाया गया है जो झाड़ियों और जंगल में छिपे आतंकियों को भी ढूंढ निकालेगा. इसके अलावा नदी-नालों पर नज़र रखने के लिए सोनार सिस्टम और अंडर ग्राउंड सेंसर लगाए गए हैं. इसके साथ ही फेंसिंग काटकर कोई आतंकी न घुसपैठ कर पाए इसलिये फेंसिंग के आसपास फाइबर ऑप्टिक केबल और रात दिन काम करने वाले हाई रिजोल्यूशन के कैमरे लगाए गए हैं. सुरक्षा के इन तमाम संयंत्रों को एक जगह कमांड कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है जिसको सी2 सेंटर कहते हैं, इस कमांड कंट्रोल रूम को इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए मिले सभी इंस्ट्रक्शन को बॉर्डर पर कई जगहों पर तैयार बैठे क्वीक रिएक्शन टीम को दिया जाता है, ये टीम तुरंत ही बॉर्डर पर हरकत में आकर वहाँ मौजूद गतिविधि को पिन पॉइन्ट ऑपरेशन कर ढेर कर देते हैं.
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