बातचीत के लिए इमरान खान ने लिखा मोदी को पत्र, जानें भारत-पाक के अब तक के संबंध

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर आंतकवाद पर फिर से बातचीत शुरू करने की बात कही है। बताया जा रहा है कि 15 सितंबर को इमरान खान ने लिखी थी चिट्ठी। पत्र में इमरान खान ने दोनों देशों के बीच विदेश मंत्री स्तर की वार्ता का भी सुझाव दिया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि पाकिस्तान आतंकवाद पर भी बातचीत करने को हमेशा तैयार है।

इसमें उन्‍होंने संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा की इस महीने के आखिर में होने वाली बैठक के दौरान दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात के लिए अपील की है। बताते चलें कि न्‍यूयार्क में संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा की बैठक इसी महीने होने वाली है, जिसमें भारत की ओर से विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज और पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी शामिल होंगे।

शांति वार्ता शुरू होनी चाहिए।  भारत-पाकिस्तान संबंधों की टाइमलाइन  ब्रिटिश राज के अंत की परिणिति 15 अगस्त 1947 को भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के रूप में सामने आया था, जिसे इतिहास में भारत के विभाजन के नाम से भी जाना जाता है। इसके बाद भीषण दंगे भड़क उठे थे, जिसमें करीब 10 लाख से अधिक लोगों की हत्या हुई थी और 1.5 करोड़ से अधिक लोगों को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा था। यह दुनिया का सबसे बड़े पलायन में से एक था।  इसके साथ ही अक्टूबर 1947 में हिंदू महाराजा के द्वारा शासित मुस्लिम बहुसंख्यक कश्मीर पर कब्जे के लिए पाकिस्तान ने युद्ध छेड़ दिया था। संयुक्त राष्ट्र के दखल से एक साल बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम हुआ। जनवरी 1949 में भारत और पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कहने पर कश्मीर के भविष्य के लिए वहां जनमत संग्रह के लिए राजी हुए, लेकिन यह कभी हुआ ही नहीं।  सितंबर 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच में विश्व बैंक की मध्यस्थता से सिंधु नदी समझौता हुआ। यही एक मात्र समझौता है, जो अभी तक बना हुआ है। अगस्त 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच दूसरा युद्ध शुरू हो गया, जो एक महीने के बाद यूएन के दवाब में खत्म हुआ। दिसंबर 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरा युद्ध शरू हुआ, जिसमें भारत ने पूर्वी पाकिस्तान का पक्ष लिया और इस तरह एक नए देश बांग्लादेश का जन्म हुआ।  जुलाई 1972 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच एक एकॉर्ड हुआ, जिसमें हजारों पाकिस्तानी युद्धबंदियों को पाकिस्तान को सौंप दिया गया। मई 1974 में भारत ने पहला परमाणु परीक्षण किया। ऐसा करने वाला वह पहला देश था, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य नहीं था।  दिसंबर 1989 में भारत के कब्जे वाले कश्मीर में सशस्त्र गतिरोध बढ़ने लगा। भारत ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर में लड़ाकों को हथियार और प्रशिक्षण दे रहा है। इस पर पाकिस्तान ने कहा कि वह सिर्फ नैतिक और राजनायिक समर्थन दे रहा है। मई 1998 में भारत ने पांच परमाणु परीक्षण किए। पाकिस्तान ने छह परीक्षण किए। दोनों ही देशों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगा दिए गए। फरवरी 1999 में भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी बस से पाकिस्तान की यात्रा कर पाक समकक्ष नवाज शरीफ के साथ अहम शांति समझौता किया।  मई 1999 में करगिल युद्ध की शुरुआत हुई, जिसमें पाकिस्तानी सेना और कश्मीरी लड़ाकों ने हिमालय की रणनीतिक रूप से अहम चोटियों पर कब्जा कर लिया। भारत ने हवाई और जमीनी हमले किए। अमेरिका ने दोनों देशों के बीच शांति स्थापित कराई।  मई 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के बीच आगरा में मुलाकात हुई, लेकिन कोई समझौता नहीं हुआ। दिसंबर 2001 में भारतीय संसद में आतंकी हमला हुआ, जिसमें 14 लोगों की मौत हुई। लश्कर ए तोइबा और जैश ए मोहम्मद नाम के आतंकी संगठन की शह पर हमले को अंजाम दिया गया था। अक्टूबर 2002 में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के बाद दोनों देशों के बीच गतिरोध खत्म हुआ।  फरवरी 2007 में भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में बम धमाका हुआ, जिसमें 68 लोगों की मौत हुई। वहीं अक्टूबर 2008 में भारत और पाकिस्तान ने छह दशकों में पहली बार कश्मीर में ट्रेड रूट को खोला। नवंबर 2008 में मुंबई में पाकिस्तानी आतंकियों ने हमला किया, जिसमें 166 लोगों की मौत हुई। इस हमले में लश्कर ए तोइबा का हाथ सामने आया।  साल 2014 में भारत के पीएम बने नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ को शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली आमंत्रित किया। दिसंबर 2015 में पीएम मोदी ने पाकिस्तान के शहर लाहौर में अचानक दौरा किया। तब वह शरीफ के जन्मदिन और उनकी पोती की शादी में शरीक हुए थे। जनवरी 2016 में छह बंदूकधारियों ने पठानकोट में भारतीय वायुसेना के बेस में हमला किया। इसमें सात जवानों की मौत हो गई थी।  18 सितम्बर 2016 को जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर एक बड़ा आतंकी हमला हुआ। इसमें भारत के 18 जवान शहीद हो गए। सैन्य बलों की कार्रवाई में सभी चार आतंकी मारे गए। यह भारतीय सेना पर किया गया, लगभग 20 सालों में सबसे बड़ा हमला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते' हैं।  इसके साथ ही भारत ने सिंधु जल संधि की समीक्षा शुरु कर दी। संधि रद्द होने के डर से पाकिस्तान ने विश्व बैंक का दरवाजा खटखटाया। भारत ने नवंबर 2016 में इस्लामाबाद में होने वाले दक्षेस शिखर सम्मेलन का बहिष्कार करने की घोषणा की। बांग्लादेश, अफगानिस्तान व भूटान ने भी भारत का समर्थन करते हुए बहिष्कार की घोषणा की। 29 सितंबर 2016 को भारत के डीजीएमओ ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि भारतीय सेना ने आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की।

चिट्ठी में ये बाते हैं अहम

पाक के पीएम इमरान खान ने पीएम मोदी को पाकिस्तान आने का न्योता दिया।

आतंकवाद पर भी बातचीत को पाक तैयार।

संबंध मजबूत करने के पाकिस्तान में सार्क सम्मेलन हो।

दोनों देशों के विदेश मंत्री की न्यूयार्क में मुलाकात हो।

वे बातचीत की प्रक्रिया आगे बढ़ाने का काम करेंगे।

कश्मीर समेत तमाम विवाद बातचीत से सुलझाए जाएं।

शांति वार्ता शुरू होनी चाहिए।

भारत-पाकिस्तान संबंधों की टाइमलाइन

ब्रिटिश राज के अंत की परिणिति 15 अगस्त 1947 को भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के रूप में सामने आया था, जिसे इतिहास में भारत के विभाजन के नाम से भी जाना जाता है। इसके बाद भीषण दंगे भड़क उठे थे, जिसमें करीब 10 लाख से अधिक लोगों की हत्या हुई थी और 1.5 करोड़ से अधिक लोगों को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा था। यह दुनिया का सबसे बड़े पलायन में से एक था।

इसके साथ ही अक्टूबर 1947 में हिंदू महाराजा के द्वारा शासित मुस्लिम बहुसंख्यक कश्मीर पर कब्जे के लिए पाकिस्तान ने युद्ध छेड़ दिया था। संयुक्त राष्ट्र के दखल से एक साल बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम हुआ। जनवरी 1949 में भारत और पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कहने पर कश्मीर के भविष्य के लिए वहां जनमत संग्रह के लिए राजी हुए, लेकिन यह कभी हुआ ही नहीं।

सितंबर 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच में विश्व बैंक की मध्यस्थता से सिंधु नदी समझौता हुआ। यही एक मात्र समझौता है, जो अभी तक बना हुआ है। अगस्त 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच दूसरा युद्ध शुरू हो गया, जो एक महीने के बाद यूएन के दवाब में खत्म हुआ। दिसंबर 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरा युद्ध शरू हुआ, जिसमें भारत ने पूर्वी पाकिस्तान का पक्ष लिया और इस तरह एक नए देश बांग्लादेश का जन्म हुआ।

जुलाई 1972 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच एक एकॉर्ड हुआ, जिसमें हजारों पाकिस्तानी युद्धबंदियों को पाकिस्तान को सौंप दिया गया। मई 1974 में भारत ने पहला परमाणु परीक्षण किया। ऐसा करने वाला वह पहला देश था, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य नहीं था।

दिसंबर 1989 में भारत के कब्जे वाले कश्मीर में सशस्त्र गतिरोध बढ़ने लगा। भारत ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर में लड़ाकों को हथियार और प्रशिक्षण दे रहा है। इस पर पाकिस्तान ने कहा कि वह सिर्फ नैतिक और राजनायिक समर्थन दे रहा है। मई 1998 में भारत ने पांच परमाणु परीक्षण किए। पाकिस्तान ने छह परीक्षण किए। दोनों ही देशों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगा दिए गए। फरवरी 1999 में भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी बस से पाकिस्तान की यात्रा कर पाक समकक्ष नवाज शरीफ के साथ अहम शांति समझौता किया।

मई 1999 में करगिल युद्ध की शुरुआत हुई, जिसमें पाकिस्तानी सेना और कश्मीरी लड़ाकों ने हिमालय की रणनीतिक रूप से अहम चोटियों पर कब्जा कर लिया। भारत ने हवाई और जमीनी हमले किए। अमेरिका ने दोनों देशों के बीच शांति स्थापित कराई।

मई 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के बीच आगरा में मुलाकात हुई, लेकिन कोई समझौता नहीं हुआ। दिसंबर 2001 में भारतीय संसद में आतंकी हमला हुआ, जिसमें 14 लोगों की मौत हुई। लश्कर ए तोइबा और जैश ए मोहम्मद नाम के आतंकी संगठन की शह पर हमले को अंजाम दिया गया था। अक्टूबर 2002 में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के बाद दोनों देशों के बीच गतिरोध खत्म हुआ।

फरवरी 2007 में भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में बम धमाका हुआ, जिसमें 68 लोगों की मौत हुई। वहीं अक्टूबर 2008 में भारत और पाकिस्तान ने छह दशकों में पहली बार कश्मीर में ट्रेड रूट को खोला। नवंबर 2008 में मुंबई में पाकिस्तानी आतंकियों ने हमला किया, जिसमें 166 लोगों की मौत हुई। इस हमले में लश्कर ए तोइबा का हाथ सामने आया।

साल 2014 में भारत के पीएम बने नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ को शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली आमंत्रित किया। दिसंबर 2015 में पीएम मोदी ने पाकिस्तान के शहर लाहौर में अचानक दौरा किया। तब वह शरीफ के जन्मदिन और उनकी पोती की शादी में शरीक हुए थे। जनवरी 2016 में छह बंदूकधारियों ने पठानकोट में भारतीय वायुसेना के बेस में हमला किया। इसमें सात जवानों की मौत हो गई थी।

18 सितम्बर 2016 को जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर एक बड़ा आतंकी हमला हुआ। इसमें भारत के 18 जवान शहीद हो गए। सैन्य बलों की कार्रवाई में सभी चार आतंकी मारे गए। यह भारतीय सेना पर किया गया, लगभग 20 सालों में सबसे बड़ा हमला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते’ हैं।

इसके साथ ही भारत ने सिंधु जल संधि की समीक्षा शुरु कर दी। संधि रद्द होने के डर से पाकिस्तान ने विश्व बैंक का दरवाजा खटखटाया। भारत ने नवंबर 2016 में इस्लामाबाद में होने वाले दक्षेस शिखर सम्मेलन का बहिष्कार करने की घोषणा की। बांग्लादेश, अफगानिस्तान व भूटान ने भी भारत का समर्थन करते हुए बहिष्कार की घोषणा की। 29 सितंबर 2016 को भारत के डीजीएमओ ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि भारतीय सेना ने आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की।

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