
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा के मामलों की सीबीआई जांच के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई 9 नवंबर तक के लिए टाल दी है।
28 सितंबर को सीबीआई, केंद्र सरकार और हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता रहे लोगों को नोटिस जारी किया गया था। मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि हिंसा के समय प्रशासन चुनाव आयोग के हाथ में था। कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कमेटी बनाई। उसमें 6 सदस्यों में से 3 विपक्षी पार्टी की विचारधारा के थे। सिब्बल ने कहा था कि हाई कोर्ट ने राज्य का पक्ष नहीं सुना। एक साथ सारे केस सीबीआई को ट्रांसफर करना गलत था। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी से उन मामलों की लिस्ट मांगी थी, जो हिंसा पीड़ितों ने सीधे सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की हैं।
13 सितंबर को सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा था कि जांच दल के कई सदस्य सरकार के प्रति पूर्वाग्रह रखते हैं। तब कोर्ट ने सदस्यों के नाम और उस पर आपत्ति बताते हुए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। कलकत्ता हाई कोर्ट ने 19 अगस्त को पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal