कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण न्यूनतम स्थिति में है। विगत 24 घंटे में हुई 01 लाख 48 हजार 946 सैम्पल की टेस्टिंग में लखनऊ, कानपुर नगर और जालौन जिलों को छोड़ शेष किसी भी जिले में एक भी नया केस नहीं पाया गया। इसी अवधि में 07 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। 75 जिलों में मात्र 05 संक्रमित मिलना कोविड पर प्रभावी नियंत्रण की पुष्टि करता है। वर्तमान में एक्टिव कोविड केस की संख्या 94 रह गई है, जबकि 16 लाख 87 हजार 108 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। 42 जिलों में एक भी कोरोना संक्रमित नहीं है। स्थिति संतोषजनक है। त्योहारों के दृष्टिगत सतर्कता-सावधानी बनाए रखी जाए।
एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के साथ-साथ तेज टीकाकरण की रणनीति कोविड से बचाव में अत्यंत कारगर रही है। प्रदेश में अब तक 12 करोड़ 67 लाख से अधिक कोविड वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। हमारे 03 करोड़ से अधिक प्रदेशवासी टीके की दोनों खुराक प्राप्त कर चुके हैं। जबकि जबकि 09 करोड़ 65 लाख से अधिक लोगों (पात्र आबादी का 65.46%) ने कम से कम एक डोज लगवा ली है। दूसरे डोज के लिए क्लस्टर मॉडल के आधार पर तेजी से टीकाकरण किया जाए।
भविष्य की आवश्यकताओं के दृष्टिगत प्रदेश में ऑक्सीजन प्लांट स्थापना अभियान स्वरूप में की जा रही है। अब तक स्वीकृत 548 में से 507 प्लांट्स क्रियाशील हो चुके हैं। इन प्लांट्स के संचालन के लिए हर केंद्र पर न्यूनतम तीन प्रशिक्षित युवाओं की तैनाती की जाए। स्थानीय स्तर पर पैरामेडिक्स व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का भी व्यवहारिक प्रशिक्षण कराया जाए।
अतिवृष्टि/बाढ़ के कारण धान व गन्ना सहित जिस भी कृषि उपज का नुकसान हुआ है, राज्य सरकार सबकी क्षतिपूर्ति कर रही है। क्षतिपूर्ति के लिए धनराशि जारी की जा चुकी है, हर प्रभावित तत्काल भुगतान कर दिया जाए। एक भी पात्र किसान क्षतिपूर्ति से वंचित न रहे।

डेंगू, डायरिया, मलेरिया सहित विभिन्न वायरल बीमारियों से बचाव के लिए सर्विलांस को बेहतर करते हुए हर एक मरीज के स्वास्थ्य की सतत निगरानी की जाए। अस्वस्थ लोगों के उपचार के लिए सभी अस्पतालों में प्रबंध किए गए हैं। व्यापक स्वच्छता, सैनिटाइज़ेशन और फॉगिंग का कार्य सतत जारी रखें। लक्षणयुक्त मरीजों की जांच जरूर की जाए।

खाद्य तेलों, सब्जियों और दाल आदि के बाजार मूल्य नियंत्रित रखने के लिए सभी प्रयास हों। कालाबाजारी/जमाखोरी के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए। हाल के दिनों में नगरीय निकायों में शामिल हुए ग्रामीण क्षेत्रों में नगरीय विकास की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। लोगों से संवाद बनाएं। सड़क, पेयजल, सीवर आदि बुनियादी सुविधाओं का लाभ स्थानीय लोगों को मिलना चाहिए। संबंधित नगरीय निकाय इस दिशा में पहल करें।

किसानों को सुगमतापूर्वक डीएपी खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। प्रत्येक जिले में मांग-आपूर्ति के बीच संतुलन बनाये रखें। डीएपी के कृत्रिम अभाव की स्थिति बनाने वालों के साथ कठोरता से निपटा जाए।

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