प्रदेश के 39 ज़िलों में आज एक भी संक्रमित नहीं

लखनऊ। कोविड से बचाव के लिए ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और टीकाकरण की नीति के सही क्रियान्वयन से प्रदेश में महामारी पूरी तरह नियंत्रित है। प्रदेश के 39 ज़िलों में आज एक भी संक्रमित नहीं हैं, जबकि 18 जिलों में 01-01 मरीज ही शेष हैं। बीते 24 घंटों में हुई 01 लाख 73 हजार 396 सैम्पल की जांच में 67 जिलों में एक भी नया मरीज नहीं पाया गया। केवल 08 जनपदों में कुल 13 संक्रमितों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 07 संक्रमित कोरोना मुक्त भी हुए। आज प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 100 है, जबकि 16 लाख 87 हजार 115 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं। कोविड पर प्रभावी नियंत्रण बनाए रखने के लिए सावधानी और सतर्कता जरूरी है। त्योहारों के बीच इसका विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। लोगों को इस संबंध में सतत जागरूक करते रहें।

कोविड टीके की दोनों खुराक पाने वालों की संख्या सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में है। यहां 03 करोड़ 08 लाख से अधिक लोगों ने टीके की दोनों डोज देकर कोविड का सुरक्षा कवर प्रदान कर दिया गया है। प्रदेश में अब तक 12 करोड़ 77 लाख से अधिक कोविड वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। 09 करोड़ 69 लाख लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। यह संख्या टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश कुल आबादी की लगभग 66 फीसदी है। दूसरे डोज के लिए पात्र लोगों को समय से टीकाकवर दिया जाए। वैक्सीन की उपलब्धता बनाए रखने के लिए भारत सरकार से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें।

डेंगू, डायरिया आदि वायरल बीमारियों के दृष्टिगत साफ-सफाई, फॉगिंग, सैनीटाइजेशन पर विशेष ध्यान दिया जाए। पीने का पानी गर्म करके छानने के बाद पीने के लिए लोगों को जागरूक करें।

बाढ़/अतिवृष्टि से प्रभावित सभी किसान भाइयों को तत्काल फसल क्षतिपूर्ति की जाए। अब तक 05 लाख किसानों को क्षतिपूर्ति के लिए चिन्हित किया गया है। एक भी किसान, जिसकी फसल बाढ़/अतिवृष्टि से खराब हुई हो, उनकी क्षतिपूर्ति जरूर की जाए। यह कार्य पूरी संवेदनशीलता और तत्परता के साथ किया जाए।

प्रदेश में धान खरीद की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी धान क्रय केंद्रों पर व्यवस्था सुचारु बनी रहे। जिलाधिकारी स्वयं क्रय केंद्रों का निरीक्षण करें। जिलों में नोडल अधिकारी एक्टिव रहें। किसानों को भुगतान में देरी न हो।

कतिपय जनपदों से कलाबाजारियों/जमाखोरों द्वारा डीएपी खाद के कृत्रिम अभाव बनाने की शिकायत मिली है। कृषि उत्पादन आयुक्त स्तर से इनका संज्ञान लेते हुए व्यवस्था सुचारू बनाई जाए। संबंधित जिलाधिकारी ऐसे हर मामलों का त्वरित निस्तारण कराएं। जमाखोरों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए। किसी भी दशा में किसानों को परेशानी न हो।

राज्य सरकार कर्मचारियों के हित संरक्षण के लिए संकल्पित है। इस दिशा में अनेक प्रयास किये गए हैं। कर्मचारियों की समस्या समाधान के लिए उच्चस्तरीय समितियां गठित की गई हैं। यथाशीघ्र संवाद कर उनकी मांगों पर निर्णय लिया जाए। सभी विभागीय अधिकारी भी अपने अधीनस्थ कार्मिकों से सतत संवाद करते रहें।

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