इंडस्ट्री में 24 साल बाद मैं समझ चुका हूं कि मैं इंस्टेंट सक्सेस के लिए नहीं बना- मनोज बाजपेयी

दिग्गज अभिनेता और हर मुद्दे पर अपनी बेबाक राय देने वाले मनोज बाजपेयी को बॉलीवुड इंडस्ट्री में 24 साल हो चुके हैं. उन्होंने अब तक तकरीबन हर तरह की भूमिकाओं को निभाया है. इससे भी खास बात यह कि हर भूमिका को इतने बढ़िया तरीके से निभाया है कि शायद ही कोई दूसरा कलाकार निभा पाता. अगले साल मनोज बॉलीवुड में 25 साल पूरे करके सिल्वर जुबली मनाने वाले हैं. इस मौके पर मनोज का कहना है कि 24 साल काम करके वह समझ चुके हैं कि वह किसी इंस्टेंट सफलता के लिए नहीं बने.

दिग्गज अभिनेता और हर मुद्दे पर अपनी बेबाक राय देने वाले मनोज बाजपेयी को बॉलीवुड इंडस्ट्री में 24 साल हो चुके हैं. उन्होंने अब तक तकरीबन हर तरह की भूमिकाओं को निभाया है. इससे भी खास बात यह कि हर भूमिका को इतने बढ़िया तरीके से निभाया है कि शायद ही कोई दूसरा कलाकार निभा पाता. अगले साल मनोज बॉलीवुड में 25 साल पूरे करके सिल्वर जुबली मनाने वाले हैं. इस मौके पर मनोज का कहना है कि 24 साल काम करके वह समझ चुके हैं कि वह किसी इंस्टेंट सफलता के लिए नहीं बने.  मनोज इस दौरान मिल रही सफलताओं से काफी खुश नजर आ रहे हैं. उनके काम को 'सत्यमेव जयते' और 'गली गुलियां' के लिए सराहा गया है. हमारी सहयोगी वेबसाइड डीएनए से हुई बातचीत में मनोज कहते हैं कि 'गली गुलियां' को पसंद किया जाना बताता है कि अब लोग किस तरह का सिनेमा पसंद कर रहे हैं. यह पूरी तरह से एक आर्ट मूवी की तरहहै. इसे समझने के लिए एक अलग मानसिक स्तर पर जाकर सोचना और महसूस करना होता है'.  अब भी अपने गांव है दिल  बातों बातों में मनोज बताते हैं कि उनका दिल अब भी गांव पर ही है. 'इतने साल भी मुंबई किसी जर्नी के लंबेस्टॉप की तरह लगता है, क्योंकि अब भी मेरा मन मेरे गांव में ही रहता है.' अपने देसी अंदाज पर मनोज एक जोरदार ठहाके के साथ कहते हैं कि उन्हें लगता है कि उनकी कोई ट्रेन मिस हो गई है.   इतने साल में इंडस्ट्री ने दी जश्न मनाने की सीख अगर हम कहें कि यह वक्त मनोज बाजपेयी का है तो गलत नहीं होगा. उन्होंने अलीगढ़ से सफलता की जो स्पीड मैंटेन कर रखी है उसके बारे में मनोज कहते हैं, 'इस इंडस्ट्री में लंबा समय गुजारने के बाद मैंने सीखा है कि जो हो रहा है उसका जश्न मना लो. ज्यादा सोचने का काम नहीं है, खुश रहो और सेलीब्रेट करो कि वक्त आपके साथ है.' क्योंकि जब आप सोचते हो कि आप बेहतरीन हो तभी कोई तगड़ा झटका लगता है.' बता दें कि मनोज इन दिनों एक वेब सीरीज भी कर रहे हैं. यह राज निदिमोरू और कृष्णा डीके के साथ होगी. मनोज कहते हैं कि यह सीरीज भी कई सारे मजेदार मूड्स का कॉम्बो है, इसे अगले महीने तक पूरा कर लिया जाएगा.

मनोज इस दौरान मिल रही सफलताओं से काफी खुश नजर आ रहे हैं. उनके काम को ‘सत्यमेव जयते’ और ‘गली गुलियां’ के लिए सराहा गया है. हमारी सहयोगी वेबसाइड डीएनए से हुई बातचीत में मनोज कहते हैं कि ‘गली गुलियां’ को पसंद किया जाना बताता है कि अब लोग किस तरह का सिनेमा पसंद कर रहे हैं. यह पूरी तरह से एक आर्ट मूवी की तरहहै. इसे समझने के लिए एक अलग मानसिक स्तर पर जाकर सोचना और महसूस करना होता है’.

अब भी अपने गांव है दिल 
बातों बातों में मनोज बताते हैं कि उनका दिल अब भी गांव पर ही है. ‘इतने साल भी मुंबई किसी जर्नी के लंबेस्टॉप की तरह लगता है, क्योंकि अब भी मेरा मन मेरे गांव में ही रहता है.’ अपने देसी अंदाज पर मनोज एक जोरदार ठहाके के साथ कहते हैं कि उन्हें लगता है कि उनकी कोई ट्रेन मिस हो गई है. 

इतने साल में इंडस्ट्री ने दी जश्न मनाने की सीख
अगर हम कहें कि यह वक्त मनोज बाजपेयी का है तो गलत नहीं होगा. उन्होंने अलीगढ़ से सफलता की जो स्पीड मैंटेन कर रखी है उसके बारे में मनोज कहते हैं, ‘इस इंडस्ट्री में लंबा समय गुजारने के बाद मैंने सीखा है कि जो हो रहा है उसका जश्न मना लो. ज्यादा सोचने का काम नहीं है, खुश रहो और सेलीब्रेट करो कि वक्त आपके साथ है.’ क्योंकि जब आप सोचते हो कि आप बेहतरीन हो तभी कोई तगड़ा झटका लगता है.’
बता दें कि मनोज इन दिनों एक वेब सीरीज भी कर रहे हैं. यह राज निदिमोरू और कृष्णा डीके के साथ होगी. मनोज कहते हैं कि यह सीरीज भी कई सारे मजेदार मूड्स का कॉम्बो है, इसे अगले महीने तक पूरा कर लिया जाएगा.

 

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