
मास्को। कोरोना महामारी के चलते रूस में हर दिन हालात खराब होते जा रहे हैं। यहां एक दिन में 1239 मरीजों की मौत के साथ ही ऑक्सीजन की भी कमी होने लगी है। वहीं यूरोप में महामारी के खतरे को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) आगाह कर रहा है। ब्रिटेन में वैक्सीन नहीं लगवाने वाले सभी स्वास्थ्यकर्मियों को अगले साल एक अप्रैल से टीका लगवाना जरूरी होगा।
रूस में मंगलवार को महामारी से रिकार्ड संख्या में मौत हुई। रूस में 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 38,058 मामले सामने आए जबकि इसी दौरान 1,239 लोगों की महामारी से मौत हो गई। इसके साथ ही रूस में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 8,911,713 हो गया है जबकि महामारी से अब तक 250,454 लोगों की जान जा चुकी है।
अकेले मास्को में संक्रमण के 3,927 नए मामले सामने आए हैं। सरकार की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक अक्टूबर महीने में देश में रोजाना 40 हजार के आसपास नए मामले आ रहे हैं जबकि संक्रमण से रोज 1,100 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। मालूम हो कि पिछले महीने राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने रूसी नागरिकों से 30 अक्टूबर से सात नवंबर तक कामकाज बंद रखने को कहा था। इके बाद रूस ने कड़े प्रतिबंध के बाद फिर से ढील देते हुए सभी प्रतिष्ठानों को खोलने की छूट दी है।
चेक गणराज्य व स्लोवाकिया को अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ रही है। कम गंभीर और दूसरी बीमारियों के पीड़ितों की भर्ती सीमित कर दी गई है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि यूरोप में महामारी से मौतों के आंकड़े में 10 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। डब्ल्यूएचओ के यूरोपीय क्षेत्र के निदेशक डा हंस क्लूज ने पिछले हफ्ते कहा था कि यूरोप एक बार फिर महामारी के केंद्र में लौट आया है। उन्होंने आगाह किया था कि यदि महामारी की रोकथाम के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई तो इस क्षेत्र में फरवरी तक 500,000 और मौतें हो सकती हैं।
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